रांची। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा उषा मार्टिन की 190 करोड़ की अचल संपत्ति को अटैच करने के आदेश के बाद जहां उद्योग जगत सकते में है, वहीं रांची के टाटीसिल्वे स्थित वायर रोप डिविजन के कामगार अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गये हैं। कंपनी के शेयर के दाम शुक्रवार को 24.30 रुपये तक गिर गये। कंपनी के शेयरधारक भी इडी के आदेश से चौकन्ने हो गये हैं। इसके साथ ही अब यह भी साफ हो गया है कि इडी के आदेश का असर टाटा स्पंज द्वारा खरीदे गये उषा मार्टिन के इस्पात डिविजन पर भी पड़ेगा, क्योंकि घाटकुरी खदान की समस्त देनदारी अब टाटा की है। ऐसे में कामगार यह भी सवाल उठा रहे हैं कि उषा मार्टिन प्रबंधन ने टाटा समूह और अपने निदेशक मंडल को भी इस मामले के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी।
क्या थी घाटकुरी खदान के लीज हस्तातंरण की शर्त
उषा मार्टिन के स्टील डिविजन की बिक्री के समय टाटा स्पंज के साथ जो समझौता हुआ था, उसमें साफ कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय में लंबित मनी लांड्रिंग के मामले में जो भी फैसला होगा और जो भी देनदारी होगी, उसका वहन टाटा स्पंज को करना होगा। इस समझौते से संबंधित आदेश झारखंड सरकार के खान विभाग की ओर से नौ मार्च को जारी किया गया था। इस त्रिपक्षीय समझौते पर उषा मार्टिन, टाटा स्पंज और झारखंड सरकार की ओर से हस्ताक्षर किये गये थे।
इसके बाद चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी द्वारा 25 मई को जारी स्वामित्व स्वच्छता प्रमाण पत्र में भी कहा गया है कि खनन पट्टा में पूर्व में या भविष्य में बरती गयी अनियमितताओं पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई में छूट नहीं होगी। इस प्रमाण पत्र पर उषा मार्टिन और टाटा स्पंज के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं। टाटा स्पंज ने इस आशय का शपथ पत्र भी दिया है।
उषा मार्टिन प्रबंधन का दावा सवालों के घेरे में
ऐसे में उषा मार्टिन का यह दावा कि इडी के आदेश का उसके आॅपरेशंस पर या टाटा स्पंज के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सवलों के घेरे में आ गया है। उषा मार्टिन वायर रोप डिविजन के कामगारों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे श्रमिक नेता अंजनी कुमार पांडेय का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने टाटा समूह को इस मामले में अंधेरे में रखा है। इसलिए स्टील डिविजन में की गयी अनियमितता की सजा वायर रोप डिविजन को मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में प्रबंधन को कामगारों के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

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