इस्लामाबाद : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के भारत के आंतरिक मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश में यूएनएससी में मात खाने के बाद भी पाकिस्तान का रोना जारी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अब नया राग छेड़ा है। उन्होंने भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर गंभीरता से विचार करने को कहा है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के आतंकियों के हाथ लगने की आशंकाओं को लेकर अकसर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं सुनने को मिलती हैं लेकिन इमरान खान ने बौखलाहट और हताशा में बचकानापन दिखाते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाया है।

देश की बदहाल अर्थव्यवस्था की चिंता करने की जगह पीएम इमरान खान भारत सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयान देने में मशरूफ हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाइयों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है लेकिन घर संभालने के बजाय इमरान खान भारत के खिलाफ जहर उगलने और दुष्प्रचार में मशगूल हैं। अपने गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी को जारी रखते हुए उन्होंने यह तक कह डाला कि भारत एक कट्टर हिंदू विचारधारा और नेतृत्व के कब्जे में है जैसे कि जर्मनी नाजियों के कब्जे में था और दुनिया को इसके परमाणु हथियारों पर नजर रखनी चाहिए।

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत की अब तक परमाणु हथियार को लेकर ‘नो फर्स्ट यूज’ की नीति रही है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, वह तब की परिस्थिति तय करेगी। राजनाथ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से सिर्फ पीओके पर चर्चा होगी, जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले पर नहीं, क्योंकि वह भारत का आंतरिक मामला है।

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