नयी दिल्ली/रांची। मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड में नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपनायी गयी क्लीयर, होल्ड और डेवलप नीति के तहत वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राज्य को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की नितांत आवश्यकता है। वह सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि दिसंबर 2014 से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के प्रयास का परिणाम है कि 2010 से 2014 तक की नक्सली घटनाओं की तुलना में 2015 से 2019 के दौरान 60 प्रतिशत की कमी हुई है। नक्सलियों द्वारा आम लोगों को मारे जाने की घटना में एक तिहाई की कमी, जबकि सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गये नक्सली की संख्या में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि दर्ज की गयी है। वर्ष 2015 से 2019 के बीच आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या दोगुनी हो गयी और पुलिस द्वारा नक्सलियों से हथियार की बरामदगी में भी 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सीएम ने कहा कि एक बहुआयामी रणनीति के तहत राज्य पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान नक्सलियों के खात्मे में जुटे हुए हैं। वहीं सरेंडर पॉलिसी के कारण कई शीर्ष नक्सलियों ने सरेंडर किया है। उग्रवाद ग्रसित इलाकों में फोकस एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत आधारभूत संरचनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है।

चुनाव में 275 कंपनी बल की जरूरत होगी

सीएम ने कहा कि निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगभग 275 कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए आवश्यकता होगी। इस संदर्भ में उन्होंने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया।

सुधर रही है गांवों की हालत

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांव आज सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं। वहां विकास योजनाएं पहुंच रही हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन क्षेत्रों में स्थापित पुलिस पिकेट और कैंपों का रहा है, जहां कहीं भी नक्सलियों द्वारा विकास कार्यों में किसी तरह की बाधा पहुंचायी गयी, वहां विकास कार्य सुरक्षा बलों की सहायता से संपन्न कराया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस बार कहीं हिंसा की वारदात नहीं हुई। यह सब राज्य पुलिस बल और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तत्परता और कार्यकुशलता के कारण संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की तरफ से यह प्रयास जारी है।

2500 से अधिक अवर निरीक्षकों की हुई बहाली

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अवर निरीक्षक की भारी कमी नक्सल अभियान के सुचारु संचालन में एक मुख्य बाधा थी, क्योंकि पिछले ढाई दशक में मात्र 250 पुलिस अवर निरीक्षकों की बहाली हो पायी थी। वर्तमान सरकार द्वारा 2014 के बाद 2500 से ज्यादा पुलिस अवर निरीक्षकों की बहाली की गयी, जो अभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। श्री दास ने कहा कि झारखंड में नक्सलियोें के सफाये के लिए गठित झारखंड जगुआर को प्रशिक्षण के साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। वहीं राज्य पुलिस के बम निरोधी दस्तों की संख्या भी बढ़ाकर दुगुनी कर दी गयी है।

नये भारत में वामपंथी उग्रवाद के लिए कोई जगह नहीं : अमित शाह

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पिछले कुछ दशकों से देश के सामने बड़ी चुनौती है। वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करता और वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह करते हैं। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस नये भारत के निर्माण की बात करते हैं, उसमें वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं है। उनका कहना था कि बंदूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झुकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में पहले से काफी गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक तय समय सीमा में वामपंथी उग्रवाद के समूल निवारण तथा क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्पित है।

ये हुए शामिल

बैठक में केंद्र सरकार के वित्त, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कौशल विकास और उद्यमिता, जनजातीय मामले के मंत्री और गृह राज्यमंत्री के साथ आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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