आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण तबाही की कगार पर पहुंच चुके झारखंड के उद्यमियों को राज्य सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड ऊर्जा विकास निगम ने लॉकडाउन की अवधि का डीपीएस (विलंबित भुगतान शुल्क) और फिक्स्ड चार्ज को माफ करने का प्रस्ताव तैयार किया है। निगम सूत्रों के अनुसार इस आशय का प्रस्ताव बिजली नियामक अधिनियम की धारा 108 के तहत सक्षम प्राधिकार को भेजा जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला अगले महीने तक होने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार उद्यमियों की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से इस पर मशविरा किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि राज्य सरकार को इसके लिए सक्षम प्राधिकार से मंजूरी लेनी होगी। इसके बाद ही सीएम ने प्रस्ताव तैयार कर सक्षम प्राधिकार को भेजने का निर्देश दिया।
क्या है डीपीएस और फिक्स्ड चार्ज
बिजली उपभोक्ताओं को तय समय पर बिल का भुगतान नहीं करने पर डीपीएस का भुगतान करना होता है। लॉकडाउन के कारण पैदा हुई आर्थिक समस्याओं के कारण उद्यमी निर्धारित तारीख तक बिल का भुगतान नहीं कर सके थे। इसलिए बकाये की राशि तेजी से बढ़ती जा रही है। इसी तरह उपभोक्ताओं को हर महीने फिक्स्ड चार्ज भी देना होता है। यह शुल्क उन्हें आवंटित लोड के आधार पर तय किया जाता है। इसमें शर्त यह होती है कि उपभोक्ता चाहे बिजली का उपभोग करे या नहीं, लेकिन फिक्स्ड चार्ज उसे देना ही होगा। लॉकडाउन के कारण अधिकांश उद्योगों में बिजली की कोई खपत नहीं हुई, लेकिन फिक्स्ड चार्ज के रूप में अच्छी-खासी रकम बकाया हो गयी है। इसके अलावा लोड फैक्टर कम होने पर अलग से जुर्माना भी उद्यमियों को देना पड़ता है।
उद्यमियों ने की थी राहत की मांग
राज्य के उद्यमियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर राहत देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उद्योगों के बंद होने से उन पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है। कर्मियों को वेतन देने के अलावा उन्हें बिजली बिल के रूप में भी भारी-भरकम रकम चुकानी पड़ रही है। राज्य सरकार ने इसमें राहत नहीं दी, तो उद्योगों को बंद होने से कोई नहीं रोक सकेगा।