आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी और छत्तीसगढ़ के मंत्री उमंग सिंघार को गुरुवार को उस समय दौरे से लौटना पड़ा, जब रांची जिला प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। वह गिरिडीह से धनबाद जा रहे थे। धनबाद में पार्टी नेता के परिजन की मौत के बाद सांत्वना देने जा रहे थे। उसके बाद उन्हें बेरमो जाना था। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस विधायकों के बीच हो रही खटपट को पाटने के उद्देश्य से वह रांची आये थे। इस क्रम में उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री बादल, विधायक राजेश कच्छप और दीपिका पांडेय से बातचीत कर चुके थे। शुक्रवार को उन्हें पार्टी के अन्य विधायकों से बातचीत करनी थी। उन्होंने विधायकों को सूचित भी कर दिया था। इसी बीच वह गुरुवार को गिरिडीह में पार्टी कार्यकर्ता की हुई मौत की सूचना पर वहां गये थे। उनके साथ मंत्री बादल भी थे। वहां से वह धनबाद जा रहे थे कि रास्ते में रांची एडीएम (लॉ एंड आर्डर) ने उनके मोबाइल पर रिंग किया। उन्हें बताया गया कि आप लौट आइये। आपकी परमिशन रद्द कर दी गयी है। बता दें कि उमंग सिंघार को क्वारेंटाइन नहीं करने पर भाजपा ने प्रशासन पर दोरंगी नीति अपनाने का आरोप लगाया था। कहा था कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक  दल जब दिल्ली से रांची लौटे, तो उन्हें जबरदस्ती होम क्वारेंटाइन कर दिया गया और जब कांग्रेस के नेता दिल्ली से आये, तो उन्हें दौरा करने और विधायकों के साथ बैठक की छूट दे दी गयी। इसका असर पड़ा और प्रशासन ने उनका दौरा रद्द कर दिया। प्रशासन के निर्देश के बाद वे कार्यक्रम स्थगित कर दिल्ली लौट गये।

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