आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। बिजली आज मानव जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता बन गयी है। इसकी महत्ता इतनी अधिक है कि इसके बिना विकास योजनाओं की परिकल्पना ही बेमानी है। कोरोना संकट में छह बिजली परियोजनाओं का पूरा होना सरकार की बड़ी उपलब्धि है। प्रोजेक्ट भवन सभागार में मंगलवार को छह ग्रिड सब स्टेशन तथा संचरण लाइन का आॅनलाइन उद्घाटन करते हुए यह बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति की दिशा में आज झारखंड ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में बिजली की छह परियोजनाओं को पूरा कर पाना एक चुनौती थी लेकिन सरकार ने अपनी दृढ संकल्पशीलता से इसे संभव कर दिखाया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से बिजली के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव होंगे और दूसरों पर बिजली के लिए निर्भरता कम होगी। इन परियोजनाओं के शुरू होने से हम उद्योग-धंधों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे।
गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में हरेक घर बिजली से रोशन हो, इसी संकल्प के साथ बिजली परियोजनाओं के काम की गति तेज की गयी है। इन छह बिजली परियोजनाओं के शुरू होने से निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है। गढ़वा में जहां बिजली आपूर्ति के लिए हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना होता था, अब भागोडीह ग्रिड और संचरण लाइन के शुरू होने से इससे निजात मिल गयी है। वहीं, जसीडीह ग्रिड सब स्टेशन शुरू होने से देवघर में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी। यहां एम्स और एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। इससे देवघर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

गिरिडीह में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता खत्म
उन्होंने कहा कि गिरिडीह, जमुआ और सरिया में ग्रिड सब स्टेशन तथा संबद्ध संचरण लाइन के चालू होने से गिरिडीह की बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता खत्म हो जायेगी। डीवीसी उद्योग-धंधों को तो बिजली देने में आगे रहता है, पर ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति के लिए अलग रवैया अपनाता है। यहां डीवीसी प्रति यूनिट पांच रुपये में बिजली देता था। अब यह दर कम होकर तीन रुपये प्रति यूनिट आयेगी।

आपदाओं से निपटने में सक्षम है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट न सिर्फ झारखंड, बल्कि पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है, लेकिन इस आपदा से निपटने में हम सक्षम हैं। सरकार को राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों की चिंता है। हर घटना पर हमारी नजर है। राज्य में कोरोना की जांच में तेजी लायी गयी है और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। कोरोना महामारी तथा लॉकडाउन के दौरान सरकार ने मुफ्त अनाज बांटने के साथ भोजन भी बड़े पैमाने पर बांटा। इसी का नतीजा है कि राज्य में भूख से एक भी मौत नहीं हुई। कोरोना के राज्य में बढ़ रहे मामलों से निपटना एक चुनौती जरूर है, पर सरकार इससे हतोत्साहित नहीं है। लोगों की जान बचाने और भूख से किसी की मौत न हो, इसके लिए सरकार ने राज्य में पुख्ता इंतजाम किये हैं। अब हमें कोरोना से जंग भी लड़नी है और व्यवस्था भी चलानी है।
ये रहे उपस्थित

इस मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, बादल पत्रलेख, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, सरफराज अहमद, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव सह झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड के सीमएडी एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड के एमडी केके वर्मा तथा अन्य उपस्थित थे।

  • इन परियोजनाओं का हुआ आॅनलाइन उद्घाटन
  • 220/132 केवी ग्रिड सब स्टेशन भागोडीह (गढ़वा) और 220 केवी डाल्टनगंज-गढ़वा संचरण लाइन
  • 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, जसीडीह और 220 केवी दुमका-जसीडीह संचरण लाइन
  • 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, गिरिडीह और 220 केवी जसीडीह-गिरिडीह संचरण लाइन
  • 220 केवी दुमका-गोड्डा संचरण लाइन
  • 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन जमुआ-गिरीडीह तथा 132 केवी गिरिडीह-जमुआ संचरण लाइन
  • 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन सरिया और 132 केवी गिरिडीह-सरिया संचरण लाइन
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