पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनकी लड़ाई सैद्धांतिक थी। इन सिद्धांतों के चलते गुजरे डेढ़ सालों में हुई कुछ बातें आलाकमान तक पहुंचाना जरुरी था। नाराजगी भी इसी वजह से थी। अब आलाकमान ने हमारी बात सुनी हैं और कमेटी बनाकर उनके समाधान की बात की है। इसलिए, नाराजगी खत्म हो गई है।
पायलट सोमवार रात दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पद की कोई चाहत नहीं है। पार्टी पद देती है तो पद वापस ले भी सकती है। पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। हमारा सोचना था कि जिन लोगों ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में मेहनत की है, उन लोगों की सरकार में भागीदारी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई पद के लिए नहीं थी, सम्मान के लिए थी। वे पार्टी तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे। इसलिए नाराजगी भी थी। अब पार्टी ने हमारी बात सुनी है और एक कमेटी बनाकर समयबद्ध तरीके से हमारी समस्याओं के निस्तारण की बात कही है। पिछले कुछ समय से हमारे कुछ विधायक दिल्ली में थे, कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर हम प्रकाश डालना चाहते थे। हमने वही किया। शुरू से कह रहा हूं कि ये सभी चीजें सिद्धांत पर आधारित थीं। मुझे हमेशा लगा कि पार्टी के हित में इन चीजों को उठाना जरूरी है। पायलट ने कहा कि लंबे समय से कुछ मुद्दों को मैं उठाना चाहता था। शुरू से ही कह रहा हूं कि ये लड़ाई आदर्शों पर थी। मैंने हमेशा ही सोचा था कि पार्टी हित में इन मुद्दों को उठाना जरूरी है। सोनिया जी ने परेशानियों और सरकार की समस्याओं को सुना। लगता है कि अब मुद्दों को हल किया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस कमेटी के सचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों को बताया कि पायलट और राहुल के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक चर्चा हुई है। इस दौरान पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।