आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे। बता दें कि कोरोना महामारी ने जब से भारत में कदम रखा है, तब से लेकर प्रधानमंत्री की राज्यों के साथ यह सातवीं बैठक है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी राज्य कोविड-19 की वजह से उपजे चुनौतीपूर्ण हालातों से जंग लड़ रहे हैं। इस महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए हर राज्य की भूमिका बेहद अहम है। कोरोना से लड़ने में सबका सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें अब जांच और रिकवरी रेट बढ़ाने की रणनीति पर काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग सही दिशा में है। कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 72 घंटे के आसपास की रणनीति पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि 72 घंटे में संक्रमण की पहचान जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 फीसदी सक्रिय मामले 10 राज्यों में हैं। इन राज्यों में कोरोना को हराने से देश यह जंग जीत जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में कोरोना की जांच की दर कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है, वहां जांच की क्षमता बढ़ाने की जरूरत सामने आयी है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में जांच बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के निपटने के लिए आवश्यकताओं पर बात की। उन्होंने कहा, अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस सबसे प्रभावी हथियार है। अब जनता भी इस बात को समझ रही है। लोग सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जांच की संख्या बढ़कर हर दिन सात लाख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुकाबले काफी कम थी। संतोष की बात है कि यह लगातार और कम हो रही है।