Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, May 31
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»धनबाद जज हत्याकांड: हर बिंदु पर बारीकी से नजर रख रही है सीबीआइ
    Breaking News

    धनबाद जज हत्याकांड: हर बिंदु पर बारीकी से नजर रख रही है सीबीआइ

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 8, 2021Updated:August 8, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    आजाद सिपाही संवाददाता
    धनबाद। हाइप्रोफाइल जज हत्याकांड में ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर सीबीआइ कई एंगिल से पूछताछ कर रही है। दोनों अब जेल में बंद हैं। दरअसल सीबीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंचना चाहती है कि जज उत्तम आनंद की मौत महज एक हादसा है या एक सोची-समझी साजिश के तहत उनकी हत्या की गयी है। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ आरोपियों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए भी अदालत में अर्जी लगा सकती है।

    सीबीआइ की सीएफएसएल की एक टीम भी धनबाद में कैंप किये हुए है। शनिवार को जज उत्तम आनंद हत्याकांड की जांच के लिए फॉरेंसिक विभाग की टीम ने रणधीर वर्मा चौक के पास घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के दौरान सीबीआई की टीम ने गति यंत्र से आवाजाही कर रहे वाहनों की गति को दर्ज किया। उसके बाद घटना के सीन को रीक्रिएट कर यह समझने का प्रयास किया कि उस दिन क्या हुआ होगा। घटना के दिन आॅटो से जज को धक्का मारने के वक्त आॅटो की गति क्या रही होगी। थ्री-डी स्कैनर मशीन से पूरे सीन को दर्शाया गया, जिसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा।

    घटनास्थल पर सीबीआइ और सीएफएसएल टीम शनिवार सुबह करीब 11 बजे पहुंच गयी। टीम ने पूरे इलाके की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की। फिर टीम गंगा मेडिकल हॉल पहुंची। यहां घटनास्थल की तख्ती लगा हुई है। यहां सड़क पर एक आॅटो को दौड़ाया गया। एक पुतला को धक्का मरवाया गया। पुतला सड़क किनारे गिर गया, जिसका सीबीआइ के सदस्यों ने मुआयना किया। केस की जांच में कोई चूक न हो, इसके लिए सीबीआइ काफी सावधानी के साथ आगे बढ़ रही है। इसके लिए सीबीआइ की टीम ने सबसे पहले गुरुवार को एसआइटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे मामले में अब तक मिले सबूतों को जुटाने की कोशिश की। उसके बाद धनबाद थाने में भी केस से संबंधित कागजात और सबूतों की घंटों जांच की गयी। जज हत्याकांड से संबंधित 4 हजार पन्नों की केस डायरी की कॉपी भी सीबीआइ ने ली है।

    14 प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारियों के पास कोई बाडीगार्ड नहीं
    धनबाद। जिले में कई संवेदनशील मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई कर रहे न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा का प्रबंध नहीं है। धनबाद सिविल कोर्ट में 29 न्यायिक पदाधिकारी हैं, जिनमें 11 पदाधिकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के, चार अवर न्यायाधीश और 14 प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अवर न्यायाधीश स्तर के अधिकारियों को तो जिला प्रशासन ने अंगरक्षक दे रखा है, परंतु प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारियों के पास कोई बाडीगार्ड नहीं है। न्यायिक दंडाधिकारियों के न्यायालयों में भी कई संवेदनशील मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है। न्यायाधीश उत्तम आनंद के साथ हुई घटना के बाद न्यायकि दंडाधिकारियों की सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में है।

    न्यायाधीशों को मिली है पर्याप्त सुरक्षा : एसएसपी
    इधर धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि महत्वपूर्ण मामलों को देखने वाले न्यायधीशों को अंगरक्षक के अलावा हाउसगार्ड भी दिया गया है। जिन न्यायिक दंडाधिकारियों को बॉडीगार्ड की जरूरत है, उन्हें भी उपलब्ध करा दिया गया है। धनबाद में तो रेल के मजिस्ट्रेट को भी बॉडीगार्ड मिला है। सुरक्षा के मोर्चे पर न्यायाधीश सबसे ऊपर हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहरियाणा सरकार गोल्डन ओलंपियन नीरज चोपड़ा को देगी छह करोड़
    Next Article 121 साल बाद नीरज ने रच दिया स्वर्णिम इतिहास
    azad sipahi

      Related Posts

      मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केदारनाथ में पत्नी संग की पूजा-अर्चना

      May 30, 2025

      कर्ण सिंह की गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या: सरयू राय

      May 30, 2025

      आम लदा पिकअप वैन पलटा, चालक और खलासी घायल

      May 30, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में पकने लगी जातीय जनगणना, पेसा और सरना की फसल
      • दो दिन की गिरावट के बाद उछला सोना, चांदी के भाव में बदलाव नहीं
      • शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर दबाव, उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
      • ग्लोबल मार्केट से कमजोरी के संकेत, एशिया में भी बिकवाली का दबाव
      • प्रधानमंत्री मोदी कल जाएंगे भोपाल, देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह में लेंगे हिस्सा
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version