रोजगार के अवसर पैदा करने में मील का पत्थर साबित होगी झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति
राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई खेल नीति 2020 बनायी गयी है
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंडी अस्मिता को सुरक्षित रखते हुए हम एक ऐसे राज्य के निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं जहां विकास में सभी वर्गों की भागीदारी हो। जहां गरीबों, आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित हों और समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंच सके। हमारी सरकार ने विकास मूलमंत्र और उसका आधार लोकतंत्र के दृष्टिकोण को अपनाया है। रविवार को ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं। वे स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित झंडोतोलन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और उसके बाद झंडा फहराया। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को गति देने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही है तथा पूर्व की नीतियों में जरूरत के अनुसार संशोधन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 लागू की गई है। यह अगले 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगी। प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर तथा खनिज बाहुल्य इस राज्य में गरीब लोगों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने में यह नीति एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया को गति देने के लिए नियुक्ति और परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन तथा संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है। अब राज्य में वर्ग-3 के पदों पर नियुक्ति की परीक्षा में केवल वही अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे जिन्होंने 10वीं या 12वीं की परीक्षा झारखंड राज्य में स्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से पास की हो।
राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल रखा गया है ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके। अभ्यर्थियों के लिए स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा और परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है। इससे सरकारी नौकरियों में झारखंड के युवक-युवतियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई खेल नीति 2020 बनायी गयी है। कोरोना माहामारी की चुनौतियों के बीच जीवन भी और जीविका भी के मंत्र के साथ राज्य को विकास की पटरी पर लौटाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर है। ऐसे में ग्रामीण विकास ही राज्य के विकास का इंजन बन सकता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने इस वर्ष के बजट में ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए इस प्रक्षेत्र के लिए 7,644 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है। कृषि प्रक्षेत्र के लिए 3,189 करोड़ रुपये और पंचायती राज्य के लिए 2,623 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।