बचाव पक्ष के वकील ने रखा पक्ष, कहा-आरोप गलत

रांची। आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सुनवाई शुरू हो गयी है। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में मंगलवार से बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू हो गयी है। सीबीआइ की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत में इस मामले में आंशिक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान तत्कालीन लालू सरकार के वित्त सचिव फूलचंद सिंह के अधिवक्ता ने बहस की। बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि तत्कालीन वित्त सचिव पर जो आरोप लगाये गये हैं, वो सही नहीं हैं और उससे जुड़े दस्तावेज अदालत में पेश किया। वहीं लालू प्रसाद यादव की ओर से आज बहस नहीं हुई। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 19 अगस्त की तारीख निर्धारित की है।

प्रतिदिन चलेगी मामले की सुनवाई
लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामले में प्रतिदिन सुनवाई चलेगी। सुनवाई का अब अंतिम स्टेज है। अभियोजन पक्ष ने 575 गवाह के बयान के आधार पर बहस पूरी की है। वहीं मामले में बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस पूरी करेगी। जिसके बाद सीबीआइ की विशेष अदालत अपना फैसला सुनायेगी। चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव समेत सभी आरोपियों की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लालू प्रसाद के अधिवक्ता आनंद कुमार विज ने बताया कि चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार (आरसी 47अ/96) से अवैध निकासी मामले में बचाव पक्ष की ओर से आज से बहस शुरू हो गयी है। यह सुनवाई प्रतिदिन चलेगी। उन्होंने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ओर से बहस फिजिकल या वर्चुअल सुनवाई के लिए विरोध नहीं किया गया है। मामले में अन्य आरोपियों के द्वारा अदालत में आवेदन देकर फिजिकल बहस की मांग की गयी थी।

चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बहुचर्चित चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है। जहां सीबीआइ की ओर से बहस पूरी हो गयी है। इस मामले में अवैध निकासी, फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र विपत्र से की गयी।
चारा घोटाला के पशुओं का चारा दवा एवं उपकरणों की आपूर्ति के लिए अवैध राशि की निकासी की गयी थी। उन्होंने बताया कि पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, आॅटो और जीप आदि का प्रयोग किया गया था। इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी विभाग के अधिकारी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तत्कालीन पशुपालन मंत्री की सांठगांठ से सरकार के राजस्व की गड़बड़ी की गयी थी।

बता दें कि बचाव पक्ष में लालू समेत अन्य आरोपियों ने कुल 26 गवाही दर्ज करायी थी। डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं। सीबीआइ ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था। लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था। सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है।

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