पूर्वी सिंहभूम। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य विभाग पर सोमवार को गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि विभाग में ऐसा क्या चल रहा है कि विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य होने के बावजूद भी उन्हें मांगी गई जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने आशंका जताई कि विभाग उनसे कुछ न कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है, जिससे सरकार की कार्य-संस्कृति पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है।

सरयू राय ने इस संबंध में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखते हुए दवाओं की खरीद में पारदर्शिता लाने और सभी प्रकार की दवाओं की खरीद निविदा (टेंडर) प्रक्रिया से करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की दवा निर्माता सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से ऊंची दरों पर दवाएं खरीदी जा रही हैं, जबकि देश के अन्य राज्यों में दवा खरीद निविदा प्रणाली से की जाती है।

राय ने बताया कि उनके प्रश्न पर विभाग ने पहले एक त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसका प्रतिवेदन अब तक उन्हें नहीं दिया गया। उन्होंने कई बार विभागीय सचिव को पत्र लिखकर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, यहां तक कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन भी किया, परंतु कोई सार्थक जवाब नहीं मिला।

उन्होंने पत्र में कहा कि विभाग ने समिति की रिपोर्ट के आधार पर फिर से ऊंची कीमतों पर दवा खरीदने का निर्देश जारी कर दिया है, जो पारदर्शिता के सिद्धांत के खिलाफ है। सरयू राय ने प्रश्न उठाया कि आखिर ऐसा क्या है जिसे स्वास्थ्य विभाग छिपा रहा है और विधानसभा में दिए गए अपने ही आश्वासन की अवहेलना कर रहा है।

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि दवाओं की खरीद प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और भविष्य में सभी दवा खरीद निविदा प्रक्रिया से ही की जाए ताकि जनता के धन की बर्बादी रोकी जा सके।

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