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    Home»Breaking News»नए आईटी रूल्स को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती, केंद्र से जवाब तलब
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    नए आईटी रूल्स को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती, केंद्र से जवाब तलब

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 4, 2021No Comments3 Mins Read
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    नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी रूल्स को चुनौती देने वाली तीन डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी हाईकोर्ट में आईटी रूल्स को लेकर दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है। इस पर डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म्स की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न तो इस मामले में नोटिस जारी किया है और न ही हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही पर कोई रोक लगाई है। नित्या रामकृष्णन ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने कुछ मीडिया संगठनों के खिलाफ आईटी रूल्स के तहत निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। उसके बाद चेतन शर्मा ने जवाब देने के लिए समय की मांग की और 20 अगस्त को याचिका लिस्ट करने की मांग की। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

    पिछली 7 जुलाई को कोर्ट ने आईटी रूल्स का पालन नहीं करने पर तीन डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म्स के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान मीडिया संगठनों की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मीडिया पर सरकार का नियंत्रण स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने याचिका का अब तक जवाब नहीं दिया है। तब एएसजी चेतन शर्मा ने कहा था कि बारह सौ डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स ने अपनी सूचना उपलब्ध कराई है लेकिन ये क्यों नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। तब नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि ये ध्वनिमत का मामला नहीं है। हमने आईटी रूल्स को चुनौती दी है, उन्होंने नहीं दी है।

    सुनवाई के दौरान नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि हमें अगली सुनवाई तक निरोधात्मक कार्रवाई से राहत मिलनी चाहिए लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। डिजिटल मीडिया संगठनों की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि नए आईटी रूल्स में न्यूज मीडिया को अतिरिक्त रेगुलेटरी व्यवस्था से गुजरना होगा। उन्होंने कहा था कि मीडिया संगठनों को आईटी रूल्स के खंड तीन के तहत निरोधात्मक कार्रवाई से छूट मिलनी चाहिए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल आईटी रूल्स पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर मीडिया संगठनों के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई होती है तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।

    याचिका में कहा गया है कि नया आईटी रूल्स मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। आईटी रूल्स मीडिया के न्यूज कंटेंट को रेगुलेट करने की कोशिश है। याचिका में कहा गया है नए आईटी रूल्स से प्रेस काउंसिल एक्ट और प्रोग्राम कोड का महत्व खत्म हो गया है। याचिका में आईटी रूल्स की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। ये रूल्स संविधान की धारा 19(1)(ए) और धारा 14 का उल्लंघन है।

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