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    Home»Breaking News»झारखंड के हाइस्कूल प्रधानाध्यापकों से होगी वेतन की वसूली
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    झारखंड के हाइस्कूल प्रधानाध्यापकों से होगी वेतन की वसूली

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 21, 2021No Comments4 Mins Read
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    • 20 हजार तक कम हो जायेगी सैलरी

    रांची। झारखंड के हाइस्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों से दिये गये वेतन की वसूली की जायेगी। साथ ही उनकी सैलरी 20 हजार रुपये तक कम हो जायेगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बताया गया कि उन्हें वर्षों से अधिक वेतनमान दिया जाता रहा है। महालेखाकार तथा योजना सह वित्त विभाग द्वारा इस ओर ध्यान आकृष्ट किये जाने तथा इसकी समीक्षा के बाद इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रधानाध्यापकों द्वारा वेतन के रूप में ली गयी राशि की तीन माह के भीतर नियमानुसार वसूली का निर्णय लिया गया है।
    दरअसल, वर्ष 2006 में झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त प्रधानाध्यापकों तथा इस पद पर प्रोन्नत सहायक शिक्षकों को गलत वेतन पर्ची के आधार पर अधिक वेतन जारी होता रहा। इनकी नियुक्ति 7500-12000 के वेतनमान में हुई थी तथा छठे वेतन पुनरीक्षण के तहत पे बैंड दो तथा 9300-34800 ग्रेड पे 5400 का वेतनमान मिलना था, लेकिन कई प्रधानाध्यापकों की वेतन पर्ची 15600-39100 ग्रेड पे 5400 के वेतनमान पर जारी होती रही।

    इससे इन्हें अधिक वेतन का लाभ मिलता रहा। योजना सह वित्त विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की संयुक्त समीक्षा में इसे गलत ठहराया गया है। वर्ष 2006 में 257 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। बाद में कुछ और शिक्षकों की नियुक्ति हुई, वहीं कुछ शिक्षक प्रोन्नत भी हुए।

    वेतन में कम हो जायेंगे 20 हजार रुपये, लौटानी होगी बड़ी रकम
    बताया जाता है कि गलत वेतनमान पर्ची जारी होने से प्रधानाध्यापकों को प्रतिमाह लगभग 20 हजार रुपये अधिक वेतन मिलता रहा। पिछले 15 वर्षों का औसत निकालें तो अगर इन्हें प्रति माह 10 हजार रुपये भी अधिक मिले तो इस हिसाब से एक शिक्षक को 2006 से अब तक लगभग 18 लाख रुपये का अधिक भुगतान हुआ है। ऐसे शिक्षकों की संख्या राज्य में करीब 400 है। इस तरह अधिक भुगतान के कारण खजाने को लगभग 72 करोड़ रुपये की चपत लगी है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वेतनमान को संशोधित करने तथा अधिक वेतन की वसूली करने का आदेश दिया है। ऐसे शिक्षकों का वेतन अब 20 हजार रुपये कम हो जायेगा। इनसे वसूली कैसे होगी, इस पर अभी मंथन चल रहा है।

    अब होगी यह कार्रवाई
    -एक जनवरी 2006 में मूल कोटि में कार्यरत तथा इस अवधि के बाद नियुक्त और प्रोन्नत हुए प्रधानाध्यापक इस दायरे में हैं। इन्हें छठा पुनरीक्षित वेतनमान पे बैंड दो और 9300-34800 ग्रेड पे 5400 के वेतनमान पर अब संशोधित वेतन मिलेगा। विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक माह के भीतर संशोधित वेतन पर्ची जारी करने के निर्देश दिए गये हैं।
    -ऐसे सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापकों का इस वेतनमान पर संशोधित पेंशन निर्धारण एक माह के भीतर किया जायेगा।
    -अधिक वेतन लेनेवाले ऐसे प्रधानाध्यापकों की पहचान कर तीन माह के भीतर राशि की वसूली करने का आदेश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है।

    वर्ष 2009 में छठा वेतनमान देने के दौरान हुई गड़बड़ी
    प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति पंचम वेतन पुनरीक्षण के आधार पर 7500-250-12000 के वेतनमान पर हुई थी। फरवरी 2009 में छठे वेतनमान देने के क्रम में इनका वेतनमान 15600-39100 ग्रेड पे 5400 रुपये कर दिया गया, जबकि यह 9300-34800 ग्रेड पे 5400 होना चाहिए था। इसी साल 17 मार्च को योजना सह वित्त विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा महालेखाकार कार्यालय के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में 9300-34800 ग्रेड पे 5400 का वेतनमान ही सही ठहराया गया।

    फैक्ट फाइल
    -वर्ष 2006 में 257 प्रधानाध्यापकों की सीधी नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से हुई थी। हालांकि इनमें से कुछ प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति कोर्ट के आदेश पर बाद में भी हुई।
    -175 सहायक शिक्षकों की प्रोन्नति प्रधानाध्यापक के पद पर की गयी।

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