रांची। सूबे में बालू घाटों की बंदोबस्ती पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गयी याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई हुई। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके साथ ही एनजीटी ने राज्य में बंदोबस्ती पर स्थगन के आदेश को बरकरार रखा है। इस संबंध में भूमि अधिग्रहण,विस्थापन और पुनर्वास समिति की ओर से याचिका दाखिल की गयी है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अधिवक्ता मनोज कुमार ने ट्रिब्यूनल में पक्ष रखा है। वहीं भूमि अधिग्रहण,विस्थापन और पुनर्वास समिति की ओर से अधिवक्ता पौशाली बनर्जी ने बहस की ।
पिछली सुनवाई के दौरान झारखंड में बालू घाट की बंदोबस्ती को एनजीटी ने अगले आदेश यानी 25 अगस्त तक स्थगित करने का आदेश दिया गया था। यह आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने दिया था। एनजीटी ने राज्य सरकार, खनन विभाग, झारखंड राज्य खनिज विकास निगम और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और झारखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को नोटिस भी जारी किया था। जिसके बाद उक्त सभी पक्षकारों ने एफिडेविट के माध्यम से जवाब दाखिल कर दिया है। झारखंड में जारी बालू की किल्लत के बीच अब बालू घाट की बंदोबस्ती पर ट्रिब्यूनल क्या फैसला सुनाता है यह देखना काफी महत्वपूर्ण है।