नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो से जुड़ी 12 कंपनियों के फ्रीज बैंक खातों को ऑपरेट करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि ये कंपनियां अपने बैंक खातों में हमेशा उतनी रकम रखेंगी, जितनी छापे के समय पाई गई थीं। कोर्ट ने इन कंपनियों को निर्देश दिया कि वे इन खातों से धन भेजने के 48 घंटे के अंदर ईडी को उसकी सूचना देंगे।
इससे पहले 8 अगस्त को कोर्ट ने वीवो से जुड़ी 14 कंपनियों के फ्रीज बैंक खातों को ऑपरेट करने की अनुमति दी थी। इसके पहले 13 जुलाई को कोर्ट ने वीवो के फ्रीज बैंक खातों को शर्तों के साथ ऑपरेट करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वीवो अपने खाते में कम से कम ढाई सौ करोड़ रुपये हमेशा रखे। कोर्ट ने वीवो को निर्देश दिया कि वो ईडी को बताए कि उसने चीन में कितने करोड़ रुपये भेजे।
कोर्ट ने 8 जुलाई को ईडी को निर्देश दिया था कि वो वीवो का फ्रीज किया हुआ बैंक खाता ऑपरेट करने की मांग पर विचार करे। वीवो कंपनी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि 5 जुलाई को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वीवो के अनेक ठिकानों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो के नौ बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। इन खातों में ढाई सौ करोड़ रुपये थे। ईडी वीवो कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है।
ईडी के मुताबिक वीवो कंपनी ने अपनी कुल बिक्री की पचास फीसदी रकम चीन भेज दी है। ये रकम 62,476 करोड़ रुपये है। ईडी का कहना है कि भारत में टैक्स से बचने के लिए वीवो ने अपना नुकसान दिखाने के लिए ये रकम चीन भेज दी। वीवो ने कहा कि उसके बैंक खातों को फ्रीज करने से उसका पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा और वो विभिन्न प्राधिकारों के कर्ज भी नहीं दे पाएगा। इससे कंपनी खत्म हो जाएगी।