वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को चौथी जी-20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की बैठक मसौदा घोषणा पर चर्चा के साथ ही सम्पन्न हो गई। शनिवार को जी-20 देशों के संस्कृति मंत्रियों की बैठक होगी। नदेसर स्थित तारांकित होटल में जी 20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर-राष्ट्रीय संगठनों के 170 प्रतिनिधियों ने संस्कृति मंत्रालय के अफसरों के साथ घोषणा के मसौदे पर चर्चा किया।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.के. रेड्डी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी से सांस्कृतिक समूह की बैठक और घोषणा को देखना हमारे लिए एक यादगार क्षण है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक 400 से अधिक पुरावशेषों को पुनः प्राप्त कर भारत लाया गया है। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी बैठक को सम्बोधित किया।

बैठक के बाद केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.के. रेड्डी ने पत्रकारों को बताया कि वाराणसी में आयोजित संस्कृति बैठक ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है।

उन्होंने जी-20 के तहत आयोजित संस्कृति कार्य समूह की बैठकों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पहली सांस्कृतिक समूह बैठक खजुराहो में, दूसरी भुवनेश्वर में, तीसरी हम्पी, कर्नाटक में और चौथी अब वाराणसी में आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि वाराणसी सांस्कृतिक मंत्रिस्तरीय घोषणा शनिवार को बैठक के अंत में की जाएगी।

पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संगीत की सभी घरानों के कलाकार, कलाकृति, संग्रहालय, मंदिर और परंपराओं के कारण ही हम सभी वाराणसी में एकत्र हुए हैं। यहां संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने विभिन्न देशों के लोगों को करीब लाकर सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

उन्होंने बताया कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सांस्कृतिक एकता की थीम पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा। मीनाक्षी लेखी ने बताया कि संस्कृति कार्य समूह की चर्चाओं ने उन्नत सांस्कृतिक कूटनीति का मार्ग प्रशस्त किया है।

संस्कृति मंत्रालय के सचिव और जी-20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष गोविंद मोहन ने बताया कि शनिवार को रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में एक भव्य सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम सुर वसुधा का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर 29 देशों के संगीतकार एक साथ आएंगे। कार्यक्रम में लोगों को जुगलबंदी का आभास होगा। उन्होंने बताया कि सुर वसुधा का पहला कार्यक्रम इंडोनेशिया में हुआ था। वार्ता में संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव और जी 20 सीडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्ष लिली पाण्डेय भी मौजूद रही।

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