काठमांडू। देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा वामपंथी दल के प्रमुख नेताओं में से एक झलनाथ खनाल ने नेपाल में ईसाई धर्मांतरण बढ़ने का आरोप लगाकर इस पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राष्ट्र के लिए खतरनाक बताया है।

एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खनाल ने कहा कि नेपाल में धर्मांतरण के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं, जो ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है, बल्कि देश की संस्कृति और सामाजिक सद्भाव के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराना असंवैधानिक है। खनाल ने ऐसे कार्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

खनाल ने कहा कि नेपाल में धर्मांतरण कर यहां की सनातन सभ्यता और धर्म संस्कृति के खिलाफ बड़ा षडयन्त्र हो रहा है। उनका कहना है कि ईसाई धर्मांतरण कर हिन्दू संस्कृति और परम्परा पर आक्रमण किया जा रहा है। कई स्थानों पर गौहत्या की खबरें और उसको लेकर हो रहे विरोध की चर्चा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री खनाल ने कहा कि इस तरह की घटना देश में धार्मिक माहौल खराब कराने की साजिश रची जा रही है।

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