काठमांडू। नेपाल में पकड़े गए एक क्विंटल सोने के मामले में राजनीति गरमा गई है। सत्तारूढ़ घटक के एक बड़े नेता ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड के इसमें संलग्न होने का आरोप लगाया है।

देश के सत्तारूढ़ घटक के सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. शेखर कोइराला ने एक क्विंटल सोने की तस्करी के मामले में प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड पर बड़ा आरोप लगाया है। राजधानी काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में नेपाली कांग्रेस के नेता एवं सांसद डा शेखर कोइराला ने कहा कि सोने की तस्करी मामले की जांच में जिस तरह से एक के बाद एक माओवादी पार्टी के बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, इससे कहीं प्रधानमंत्री प्रचण्ड की संलिप्तता तो नहीं है?

डा. कोइराला ने प्रधानमंत्री की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोने की तस्करी की जांच की जिम्मेदारी अब तक पुलिस को, या क्राइम ब्रांच को या सेंट्रल इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (सीआईबी) को क्यों नहीं सौंपी गई? क्यों प्रधानमंत्री अपने मातहत रहे राजश्व अनुसंधान विभाग (डीआरआई) के द्वारा ही जांच करवा रहे हैं?

अब तक पकड़े गए आरोपितों के साथ माओवादी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के संबंध और संपर्क दिखने के बाद भी उनके खिलाफ ना तो जांच शुरू की गई है और ना ही उन नेताओं से पूछताछ ही हुई है। प्रचण्ड को समर्थन दे रहे सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस के नेता डा. शेखर कोइराला ने कहा एक क्विंटल सोने की तस्करी के मामले में जिस धीमी गति से जांच चल रही है, इससे आशंका होता है कि कहीं पूरी माओवादी पार्टी संगठित रूप से तो इसमें संलग्न नहीं है? उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने अपने निजी सचिवालय में रहे एक अधिकारी को डीआरआई का प्रमुख बना कर भेजा और उसके सातवें दिन ही एक क्विंटल सोना पकड़ा जाना महज संयोग है या कोई सेटिंग?

शेखर कोइराला ने कहा कि डीआरआई प्रधानमंत्री के मातहत का विभाग है। अगर इसमें माओवादी पार्टी के बड़े नेताओं की संलग्नता दिखाई दे रही है तो उनके खिलाफ जांच नहीं होना, डीआरआई की जांच से पुलिस को या सीआईबी को अलग रखना, एक क्विंटल सोना पकड़े जाने के एक हफ्ते दस दिन बाद छापामारी करना और उसमें कुछ बरामद नहीं होना भी प्रधानमंत्री प्रचण्ड की तरफ आशंका को बल देता है। जो मुख्य आरोपित चीनी नागरिक छिरिंग दावा पकड़ा है, उसका सीधा संबंध माओवादी पार्टी के बड़े नेता कृष्ण बहादुर महरा, नन्द किशोर पुन, और वर्षमान पुन के साथ है। नेपाल के स्थानीय मीडिया में दावा छिरिंग के साथ इन नेताओं की फोटो भी सार्वजनिक हुई है।

गौरतलब है कि कृष्ण बहादुर महरा नेपाली संसद के स्पीकर रह चुके हैं और अभी माओवादी पार्टी के प्रवक्ता तथा प्रधानमंत्री प्रचण्ड के विश्वासपात्रों में एक है। इसी तरह नन्द किशोर पुन नेपाल के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं। नन्द किशोर पुन के बेटे का नाम इससे पहले हुए 33 किलो सोने की खेप पकड़े जाने के समय उछला था। तीसरे नेता हैं वर्षमान पुन जो कि पहले प्रचण्ड सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। कई अन्य मंत्रालय संभाल चुके वर्षमान की पत्नी ओनसरी घर्ती मगर नेपाली संसद की स्पीकर रह चुकी हैं।

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