प्रयागराज। मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद सहित पूरी भूमि का अधिग्रहण कर ट्रस्ट बनाकर हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में 23 अगस्त को होगी।

याची सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता महक महेश्वरी का कहना है कि एक समझौते के तहत कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन में से 11.37 एकड जन्मभूमि मंदिर तथा शेष 2.37 एकड भूमि शाही ईदगाह को सौंपा जाना गलत है। याचिका में ए एस आई से साइंटिफिक सर्वे कराने की भी मांग की गई है।

याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की। इंटरनेट कनेक्टिविटी सही न होने के कारण साफ नहीं सुनाई देने पर कोर्ट ने तारीख लगाते हुए याची अधिवक्ता को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर बहस करने को कहा। इस कारण श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित शाही ईदगाह का विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई टल गई। याची ने आनलाइन बहस करने की कोशिश की थी। जनहित याचिका में शाही ईदगाह परिसर को हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है।

याची का कहना है कि जहां शाही ईदगाह है वहीं कंस का कारागार था। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर को तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया है। जिस जगह अभी मस्जिद है वहां द्वापर युग में कंस ने भगवान श्री कृष्ण के माता पिता को जेल में कैद कर रखा था।

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