नई दिल्ली। यूक्रेन संघर्ष पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत इस वैश्विक घटनाक्रम में तटस्थ नहीं बल्कि शांति के पक्ष में है। इस संघर्ष से दुनिया में तेल और अनाज की कीमतें बढ़ी हैं। दुनिया का कोई देश संघर्ष का समर्थन नहीं कर रहा है। इसका मतलब है कि भारत उन देशों के साथ शांति के पक्ष में खड़ा है।

जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

वैश्विक संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि 2023 को सभी लोग एक ऐसे वर्ष के तौर पर याद करेंगे, जब भारत ने अपनी जी20 की अध्यक्षता में दुनिया के मानचित्र पर एक अलग स्थान पाया है। हम सोलर अलायंस से ऊर्जा को लेकर दुनिया की सोच बदल रहे हैं। इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स के माध्यम से खानपान की आदतों को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। गठबंधन के माध्यम से आपदाओं के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया तैयार कर रहे हैं। वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाने वाले देश के रूप में आज भारत को देखा जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की संभावना पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का गठन उस समय हुआ था, जब इसके केवल 50 सदस्य थे। आज इसके करीब 200 सदस्य हैं। ऐसे में उस दौर में जो देश दुनिया चला रहे थे, अब उनकी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के ढांचे में अफ्रीका और लैटिन अमेरिका से एक भी स्थाई सदस्य नहीं है। उस समय जो सत्ता पर बैठ गए, वो लोग अब उठने को तैयार नहीं है। हालांकि यह उनके भी हित में नहीं है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ब्रिक्स ने भी उन में बदलाव का समर्थन किया है।

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