बेगूसराय। गांव-गांव में खेला जाने वाला पिट्टो अब फिर लागोरी के नाम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर चर्चित होने जा रहा है। बिहार में भी इसकी शुरुआत हो गई है। रविवार को लागोरी एसोसिएशन ऑफ बिहार के बैनर तले बेगूसराय में राज्यस्तरीय कार्यशाला एवं ट्रायल की शुरुआत किया गया।
कार्यशाला-ट्रायल में बेगूसराय के अलावा खगड़िया, सहरसा, सुपौल, जमुई, शेखपुरा एवं छपरा जिले के सिनियर वर्ग के 75 बालक एवं बालिका खिलाड़ी शामिल हुए। बिहार के सात अन्य जिलों का ट्रायल अगले रविवार 20 अगस्त को किया जाएगा। ट्रायल पूरा होने के बाद खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए एक सप्ताह का कैंप लगाकर विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी।
इसमें 15 बालक एवं 15 बालिका खिलाड़ी का चयन आठ से दस सितम्बर तक हरियाणा में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए किया जाएगा। लागोरी को भारतीय ओलंपिक संघ एवं भारतीय राष्ट्रमंडल खेल में मान्यता मिल चुकी है। हरियाणा के रेवाड़ी में संपन्न होने वाले प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ी अक्टूबर माह में गोवा में होने वाले 37 वें राष्ट्रीय खेल में शामिल होंगे। जबकि, 16 से 20 अगस्त तक दरभंगा, सीवान एवं सहरसा में लागोरी का ट्रायल होगा।
जीडी कॉलेज में आयोजित ट्रायल का शुभारंभ मेयर पिंकी देवी, पूर्व मेयर संजय कुमार, आर्यभट्ट के निदेशक प्रो. अशोक कुमार सिंह अमर, क्रीड़ा भारती के प्रांत मंत्री अमित ठाकुर, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह, बाइट कंप्यूटर के निदेशक संजय कुमार सिंह लागोरी एसोसिएशन के स्टेट सेक्रेटरी रणधीर कुमार एवं अभाविप के जिला संयोजक पुरुषोत्तम कुमार आदि ने किया।
मौके पर अतिथियों ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि और बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय को बिहार में खेल की नर्सरी भी कहा जाता है। यहां के खिलाड़ियों ने कबड्डी, बॉलीबॉल, फुटबॉल आदि में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। ऐसे जगह पर लागोरी का शुभारंभ बिहार ही नहीं, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।