बेगूसराय। टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) बेगूसराय ने रविवार को चेरिया बरियारपुर के राजद विधायक एवं विधानसभा में सचेतक राजवंशी महतो के आवास के समक्ष सदबुद्धि हवन किया।जिसमें विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ हवन कार्यक्रम की पूर्णाहुति की गई और महागठबंधन सरकार को शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सदबुद्धि का आह्वान किया गया। हवन कार्यक्रम के बाद शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षकों की मांग पर मुख्यमंत्री का पहल स्वागत योग्य है।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा करे। शिक्षा गुणवत्ता में सुधार को लेकर ठोस पहल के बजाय शिक्षकों पर एकतरफा प्रहार किया जा रहा है। आए दिन शिक्षकों पर विभागीय कारवाई का डंडा चलाया जा रहा है। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।

प्रतिनियुक्ति, स्थानान्तरण, प्रोन्नति, प्रशिक्षण और स्कूलों में चलाई जा रही विकास योजनाओं समेत तमाम विभागीय कार्यों में अराजकता और लूट का खेल मचा हुआ है। शिक्षा कार्यालयों में प्रखंड से लेकर जिला तक कर्मचारियों के पद रिक्ति हैं। गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के कारण स्कूलों का सहज संचालन बाधित हो रहा है।

शिक्षकों की सजग भागीदारी और व्याप्त विभागीय भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर ही स्कूलों की सूरत बदली जा सकती है। जब तक शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा मुख्यमंत्री नही करते तब तक सरकार की सदबुद्धि के लिए शिक्षकों का अभियान जारी रहेगा।

जिला महासचिव ज्ञानप्रकाश एवं प्रखंड अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि पारदर्शिता और लोकतंत्र को दबाकर शैक्षणिक सुधार कदापि संभव नहीं है। गोपगुट शिक्षा में सुधार को लेकर सरकार से बुनियादी परिवर्तन के लिए आधारभूत फैसलों की उम्मीद करती है। सरकार को बिहार के सरकारी विद्यालयों में स्थानीय निकायन्तर्गत बहाल शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा।

नियोजित शिक्षक लंबे समय से राज्यकर्मी के दर्जा की मांग करते रहे हैं। महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का वादा किया था। बिहार अध्यापक नियमावली 2023 के माध्यम से राज्यकर्मी के रूप में अध्यापकों की बहाली सरकार ने शुरु की, लेकिन पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को परीक्षा की बाध्यता थोप दी गई। शिक्षकों ने अपनी नाराजगी जताई और तबसे बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।

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