मेरठ। बरसात के मौसम में बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है। प्राधिकरण ने लोगों को बाढ़ के दौरान बरते जाने वाली सावधानी व उपाय बताए हैं।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सूर्यकान्त त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में जनपद मेरठ में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ से बचाव के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेरठ के अध्यक्ष व जिलाधिकारी दीपक मीणा और जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार ने बाढ़ के कारणों तथा बचाव के उपायों के बारे में बताया है। उनके अनुसार, बाढ़ अत्यधिक वर्षा, बादल फटने, बांध टूटने, वनों की कटाई एवं नदी की धारा में परिवर्तन आदि कारणों से आती है। यदि बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थायी स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें।

अपर जिलाधिकारी के अनुसार, बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ से पूर्व-ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें। जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वाटरप्रूफ बैग में इकट्ठा रखें। आवश्यकता के अनुसार खाद्य सामग्री जैसे बिस्किट, लाई, चना, गुड़, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें। बीमारी से बचाव हेतु क्लोरीन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाईयां प्राथमिक उपचार किट में रखें। जैरी कैन, छाता, त्रिपाल, रस्सी, हवा से भरी ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें। सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें एवं पशुओं में होने वाली बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं।

बाढ़ के दौरान-बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाएं। घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बंद करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें। उबला हुआ या क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें। बिजली के तार व ट्रांसफार्मर से दूर रहें, डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता ना होने पर उसे पार करने की कोशिश ना करें। विषैले प्राणियों जैसे सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें, सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। गर्भवती महिलाओं के लिए आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें। बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का सेवन ना करें। बाढ़ के पानी के संपर्क में आई खाद्य सामग्रियों का सेवन ना करें। क्षमता से अधिक लोग नाव पर ना बैठे एवं लाइफ जैकेट जरूर पहनें। बच्चों को बाढ़ के पानी में ना खेलने दें। महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें। संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दवाए, डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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