गिरिडीह। अभाविप की दो दिनों से पारसनाथ में चल रही केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक रविवार को संपन्न हुई। मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित पाठ्यक्रमों की दिशा में विश्वविद्यालयों को शीघ्रता से प्रयास करना होगा। शिक्षा राष्ट्र की प्रकृति और संस्कृति के अनुसार होनी चाहिए। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में महत्वपूर्ण दस्तावेज है, इसके पूर्ण क्रियान्वयन की दिशा में शीघ्रता से प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप भारत केंद्रित मूल्यों का समावेश आवश्यक है। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में बोल रहे थे। दो दिनों से पारसनाथ में चल रही केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक रविवार को संपन्न हुई। अभाविप की इस केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में विभिन्न सांगठनिक, पर्यावरणीय, सामाजिक, तकनीकी, खेल, स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चिंतन किया गया।

इन विषयों पर हुई चर्चा
वहीं, अभाविप की देश भर में विस्तारित इकाइयों द्वारा लिये गये अभियानों की संगठनात्मक समीक्षा और शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न अभियानों की योजना निर्धारित हुई। बैठक में कार्यकर्ता क्षमता का विकास, पर्यावरण तथा सेवा की गतिविधियों से विद्यार्थियों से जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन, अहिल्याबाई होलकर जी की जन्म त्रिशताब्दी के अवसर पर देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में उनके व्यक्तित्व आधारित कार्यक्रमों के आयोजन की योजना, छात्रों की परिसर में उपस्थिति बढ़ाने के लिए परिसर चलो अभियान जैसे प्रयोग आदि विषयों पर चर्चा हुई।

पर्यावरणीय गतिविधियों से युवाओं को जोड़ें
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि पर्यावरणीय गतिविधियों से युवाओं को जोड़ने के लिए विद्यार्थी परिषद निरंतर प्रयास कर रही है। वर्तमान में यह आवश्यकता है कि विभिन्न प्रयासों द्वारा युवाओं तथा विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संलग्न किया जाये। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यह केंद्रीय कार्यसमिति बैठक शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न सकारात्मक परिवर्तन पर मंथन का माध्यम बनी है।

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