जब तक बचाना है बचा लें, लालू प्रसाद की तरह झारखंड के लुटेरों को भी होगी सजा
रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर राज्य सरकार और डीजीपी को निशाने पर लिया है। कहा कि सीएम और राज्य के अवैध डीजीपी के इशारे पर राज्य को लूटने वाले कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
समाचारों से पता चल रहा है कि फिलहाल जमानत पर बाहर रामगढ़ पुलिस का वांटेड राजेश राम डीजीपी के कार्यालय में लगातार आता-जाता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे कभी गिरफ्तार ही नहीं किया।

पहली बार जब राजेश राम गिरफ्तार हुआ था, उसके बाद इंस्पेक्टर गणेश सिंह ने भुरकुंडा थाना प्रभारी से बात की थी। यह शायद वही गणेश हैं जिन्हें अवैध डीजीपी का वरदहस्त प्राप्त है। यूं कहें तो अवैध डीजीपी के ‘अवैध संसाधन’ संग्रहकतार्ओं की टीम के प्रमुख सदस्य हैं।

65 लाख रुपए की वसूली की
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक वायरल आॅडियो के मुताबिक पुलिस मुख्यालय में तैनात, अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता के करीबी माने जाने वाले सिपाही रंजीत राणा ने ओडिशा के उसी कारोबारी से संपर्क करने का प्रयास किया, जिससे राजेश राम ने कथित रूप से 65 लाख रुपए की वसूली की।
ये बातें सभी को कोई फिल्मी स्क्रिप्ट जैसा दिखाई देता होगा, लेकिन यह हकीकत है। राजेश, गणेश, राणा, दीपक जैसे कई और महारथी तो इस महालूट के किरदार मात्र हैं, जो अवैध डीजीपी के इशारे पर अपने-अपने हिस्से के गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

बाबूलाल ने कहा कि सीएम को मेरे 1 मई 2025 का यह ट्वीट संज्ञान में होगा। अगर भूल गये हों तो फिर से देख लें फिर यह बताएं कि-इन अवैध वसूलियों में उनकी कितनी हिस्सेदारी है? शराब घोटाले में समय पर चार्जशीट न कर छत्तीसगढ़ से लेकर एनसीआर दिल्ली तक जिन धनपशु माफियाओं को जमानत दिलवायी गयी उसमें सौ करोड़ से भी ज्यादा का वारा न्यारा होने की चर्चा है।
इसमें मुख्यमंत्री को कितना शेयर मिला? अगर नहीं मिला तो चार्ज शीट न कर पाने के जिम्मेवार किन अफसरों पर उन्होंने कठोर कार्रवाई किया है और उन्हें क्या सजा मिली?

आज से करीब 30 साल पहले जब तकनीक विकसित नहीं हुई थी, तब भी जांच एजेंसियों ने चारा घोटाले का पदार्फाश कर घोटालेबाजों को कड़ी सजा दिलाने का काम किया था। अब तो तकनीक काफी आगे जा चुकी है।
आप यह कैसे मान बैठे हैं कि आप जो मर्जी सो लूट करते रहेंगे और महंगे वकीलों के दम पर हर बार बच ही जायेंगे? कहीं लिखकर रख लीजिये। भले ही थोड़ा वक्त लगे लेकिन इन महाघोटालों के लिये देर सबेर आप पकड़े जायेंगे और सजा भी होगी।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का दिया हवाला
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लालू प्रसाद को ही देख लीजिये। बीस साल लगे जरूर, लेकिन सजा तो हुई ही। बबूल का पेड़ लगा रहे हैं तो कांटे भी तो आपको ही चुभेंगे न। झारखंड को लूटने का और सबूत मिटाने का जितना भी षड्यंत्र मुख्यमंत्री कर लें। लेकिन जांच एजेंसियां किसी को बख्शने वाली नहीं है, सबका हिसाब होगा, बराबर हिसाब होगा।

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