कार्यकर्ताओं से की गयी वन-टू-वन रायशुमारी
केरल की लेबर पार्टी का हम में विलय
रांची। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में झारखंड समेत अन्य राज्य में संगठन विस्तार पर फोकस रविवार को किया गया। रविवार को चाणक्य होटल में बिहार-झारखंड, केरल, दमन, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, असम सहित कई प्रदेशों के पदाधिकारियों का जुटान हुआ।

इसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार सुमन ने संगठन के विस्तार को रायशुमारी की। इस दौरान सभी से वन-टू-वन राय ली गयी। मौके पर केरल की लेबर पार्टी का हम में विलय किया गया। लेबर पार्टी के अध्यक्ष वीके विक्रमन, उपाध्यक्ष के पवित्रन ने विलय का प्रस्ताव दिया। जीतन राम मांझी ने कहा कि हम पार्टी से गरीबों, मजदूरों और वंचितों को उम्मीदें हैं। पार्टी बिहार-झारखंड सहित देश भर में गरीब, वंचित और आम लोगों के हक की लड़ाई लड़ेगी और उनकी आवाज बनेगी। संतोष कुमार सुमन ने कहा कि जल्द झारखंड की पार्टी इकाई का विस्तार होगा। राज्य के दलित-आदिवासी और गरीबों की लड़ाई लड़नी है। कार्यकर्ता ही पार्टी की जान हैं। कार्यकर्ताओं के बल पर ही पार्टी इस मुकाम पर पहुंची है। संकल्प है कि विधानसभा चुनाव में गरीबों और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।

मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने बताया कि हम पार्टी की वेबासाइट व्हाटसएप को संरक्षक जीतन राम मांझी के द्वारा लांच किया गया। इसमें राजनीतिक प्रस्ताव भी पास किये गये।

इनकी रही मौजूदगी
बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक प्रफुल्ल मांझी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक ज्योति देवी, प्रधान महासचिव राजेश पांडेय, मारकंडे प्रसाद, रमेश सिंह, देवेंद्र मांझी, कौशलेंद्र दांगी, राधेश्याम प्रसाद, त्रिलोकीनाथ, शाह नबाब, कमाल परवेज, रोमित कुमार, नंदलाल मांझी, शंकर मांझी, कमलेश सिंह समेत अन्य मौजूद थे।

राजनीतिक प्रस्ताव
हम की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना और गरीबों की भागीदारी राजनीति में बढ़ाना।
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के द्वारा महिलाओं और गरीबों की भागीदारी को बढ़ाना।
एनडीए के सभी घटक दलों से बात कर ज्यादा सीटों का चयन और उसकी तैयारी अभी से एक अभियान चलाकर कर करना।
संगठन का विस्तार बिहार सहित अन्य राज्यों में मजबूती से करना।
पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करने का संकल्प।

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