-स्कूल-मंदिर के निकट नहीं हो शराब की बिक्री
-यह रांची है, न कि मुंबई या गोवा
रांची। हाइकोर्ट ने डीजीपी से मौखिक कहा कि झारखंड में अफीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थों की बिक्री हर हाल में रोकने के लिए कठोर कार्रवाई करें। कोर्ट ने मौखिक कहा कि पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो आपसी सहयोग से झारखंड में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए कार्रवाई करे। खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में जंगलों में अफीम की खेती होती है। सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से पुलिस और एनसीबी को-ऑर्डिनेशन से इसका पता लगाकर इन्हें नष्ट करने की दिशा में कार्रवाई करे। सुनवाई के दौरान डीजीपी और रांची एसएसपी कोर्ट में सशरीर उपस्थित थे।
कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि अफीम, चरस, गांजा सहित अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए पुलिस स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर बनाये। कोर्ट ने रांची एसएसपी से भी मौखिक कहा कि रांची शहर में स्कूल-मंदिरों के निकट किसी भी स्थिति में शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए। मंदिरों के निकट बार-रेस्टोरेंट खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि उत्पाद विभाग के साथ-साथ पुलिस की भी यह जिम्मेवारी है कि रांची शहर में अवैध ढंग से शराब की बिक्री ना हो। कोर्ट ने मौखिक कहा कि यह रांची है ना कि मुंबई या गोवा है। यहां के बार-रेस्टोरेंट को नियंत्रित ढंग से काम करना होगा, ताकि सामाजिक दायित्व का समुचित निर्वहन हो सके। देर रात तक बार-रेस्टोरेंट खुला रहने से अप्रिय घटना होने की ज्यादा संभावना रहती है। पीसीआर वैन रात में शराबियों-आपराधिक तत्वों पर नजर रखे। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
दरअसल, खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने और झारखंड में अफीम, चरस, गांजा के कारोबार में लगातार वृद्धि पर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई।