-परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लगायी मदद की गुहार
-चार दिन पहले ही ये गये थे तमिलनाडु, पहुंचते ही बनाया बंधक
दुमका। दुमका जिले के 11 मजदूरों को तमिलनाडु में बंधक बना लिया गया है। बंधक बनानेवालों ने रुपयों की मांग भी की है। इस संबंध में मजदूरों के परिजनों ने पुलिस के पास शिकायत की है और अपनों की वापसी कराने की मांग की है। जानकारी के अनुसार दुमका के ये मजदूर तमिलनाडु में एक कपड़ा के मील में काम करने गये थे, जहां उनको बंधक बना लिया गया है और उनसे रुपये की मांग की जा रही है। साथ ही परिजनों ने बताया कि उनके साथ वहां मारपीट भी की जा रही है। इसकी सूचना मजदूरों ने खुद फोन पर दी है।

एक परिवार से ऑनलाइन 15 हजार रुपये भेज भी दिया है, लेकिन मजदूर को अब तक नहीं छोड़ा गया है। मजदूरों के परिजनों ने सीएम हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगायी है। उन्होंने आवेदन के माध्यम से बताया कि तमिलनाडु में बंधक बनाये गये लोगों में दीपक पहाड़िया, शंकर पहाड़िया, राजू पहाड़िया, नोरेन सोरेन, जोगेश सोरेन, मुंशी मुर्मू और राजकिशोर पहाड़िया है।

दरअसल सभी मजदूर चार दिन पहले काम करने तमिलनाडु गये थे। रविवार की सुबह वे तमिलनाडु पहुंचे ही थे और चंद घंटे के बाद उन्होंने अपने परिजनों को फोन किया कि हमें बंधक बना लिया गया है। हमें यह नहीं पता चल पा रहा है कि हम कहां हैं। ये लोग हमारे साथ मारपीट कर रहे हैं और पैसे मांग रहे हैं। बंधक बनानेवाले लोगों ने दुमका में उनके परिवार वालों को एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि तुम लोग इसमें रुपये भेजो। जब तक रुपये नहीं मिलेंगे, तब तक ये सभी हमारे कब्जे में रहेंगे। धमकी मिलने के बाद दीपक पहाड़िया के परिजनों ने दिये हुए मोबाइल नंबर पर 15 हजार रुपये भेज भी दिये हैं, लेकिन अब तक दीपक को नहीं छोड़ा गया है।

दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा कि दुमका के कुछ लोग काम करने के लिए तमिलनाडु गये थे, जहां उन्हें बंधक बनाया गया है। हम लोग उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो दुमका पुलिस की टीम तमिलनाडु जायेगी।

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