-केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री ने निर्माणाधीन लाइब्रेरी का किया निरीक्षण
-2025 तक पूर्ण होगी लाइब्रेरी
-5000 लोग एक साथ बैठकर कर सकेंगे अध्ययन
-इ-लाइब्रेरी और योग हॉल के साथ कैफेटेरिया की भी सुविधा
रांची। सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के प्रयास से 68 करोड़ की लागत से बनने वाली लाइब्रेरी का कार्य चल रहा है। कोल इंडिया लिमिटेड की सीएसआर निधि से इसके निर्माण को स्वीकृति दिलायी थी। इसके बाद मोरहाबादी रांची विश्वविद्यालय परिसर में इसका निर्माण आरंभ हुआ। लाइब्रेरी निर्माण का निरीक्षण शनिवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने किया। इस दौरान उनके साथ विधायक समरी लाल और कुलपति अजीत कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। रक्षा राज्य मंत्री ने लाइब्रेरी की जानकारी ली। कुलपति ने बताया कि 2025 तक यह लाइब्रेरी पूर्ण हो जायेगी। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि रांची में एक बड़ी लाइब्रेरी हो, यह सपना था। यह सपना मूर्त रूप ले रहा है। यह लाइब्रेरी पूर्वी भारत की सबसे बड़ी लाइब्रेरी होगी, जहां एक साथ पांच लोग बैठ कर अध्ययन के साथ विभिन्न विषयों पर परिचर्चा कर सकेंगे। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने लाइब्रेरी के निर्माण को स्वीकृति प्रदान करने के लिए विशेष रूप से तत्कालीन कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रति आभार जताया। यह लाइब्रेरी तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगी, जहां कैफेटेरिया भी होगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र को नया मुकाम देने में रांची की यह लाइब्रेरी मिल का पत्थर साबित होगी।
लाइब्रेरी में होगी यह सुविधा
लाइब्रेरी जी प्लस फाइव होगी, जहां 6 बड़े लिफ्ट होंगे।
लाइब्रेरी के ग्राउंड तल पर कैफेटेरिया, पार्किंग, किचेन प्रथम तल पर एडमिन एरिया, आॅफिस मीटिंग रूम के साथ मल्टीपर्पज हॉल
द्वितीय तल पर 510 सीट का रीडिंग हॉल और 83 सीट की इ-लाइब्रेरी होगी। परिचर्चा कक्ष होगा।
तृतीय तल पर 510 लोगों के लिए रीडिंग हॉल और 83 लोगों के लिए इ-लाइब्रेरी की सुविधा
चौथे तल पर 499 लोग बैठकर पढ़ सकेंगे
पांचवें तल्ले पर 199 लोगों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था
इसी तल पर दो योग हॉल होगा
ऊपरी तल्ले पर 90 लोगों का खुला रीडिंग एरिया