रांची। संस्कृत विभाग, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची, संस्कृत भारती, रांची और झारखण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संस्कृत सप्ताह के दूसरे दिन शनिवार को श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति युवाओं की रुचि और ज्ञान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस प्रतियोगिता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची, रांची विश्वविद्यालय, रांची, मारवाड़ी कालेज, राची तथा रांची महिला महाविद्यालय, रांची के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के आरम्भ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. धनंजय वासुदेव द्विवेदी ने श्लोकों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य में निबद्ध श्लोक भारतीय ज्ञान परंपरा के संवाहक हैं। मारवाड़ी महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राहुल कुमार ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।

प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने गीता, किरातार्जुनीय, शिशुपालवध, कादम्बरी, रघुवंश से श्लोकों का चयन किया और उनका पाठ किया। विद्यार्थियों ने शुद्धता, भाव और गहराई के साथ श्लोकों का उच्चारण किया जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। निर्णायक मंडल में डॉ. धनंजय वासुदेव द्विवेदी, डॉ. श्रीमित्रा, सोनी कुमारी एवं पृथ्वीराज सिंह सम्मिलित थे। निर्णायकों ने श्लोकों के उच्चारण, ध्वनि, शुद्धता, और उनके अर्थ की व्याख्या के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया। विभागीय शिक्षक डा. जगदम्बा प्रसाद ने प्रतियोगिता का संयोजन किया।

श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार सर्वोत्तमा कुमारी, द्वितीय पुरस्कार कनक सिंह एवं प्रतिमा चौहान, तृतीय पुरस्कार अनामिका कुमारी एवं शिवम नारायण, सान्त्वना पुरस्कार-खुशी कुमारी एवं स्नेहा कुमारी को मिला।

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