लाहौर (पंजाब) पाकिस्तान। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के छह जिलों में नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। पंजाब सरकार तटीय क्षेत्र के गांवों को खाली करा रही है। साथ ही बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए छह जिलों में सेना बुलाई गई है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने मंगलवार देर रात कहा कि भारत ने रावी नदी पर स्थित अपने थीन बांध के सभी द्वार खोल दिए हैं। इस दौरान बारिश के कारण चिनाब नदी उफान पर है। चिनाब के निचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

डान अखबार की खबर के अनुसार, बुधवार आधीरात बाद 2 बजे हेड मराला में चिनाब और हेड जस्सर में रावी नदियां खतरे के निशान को पार कर गईं। इससे इलाके में बाढ़ आ गई। चिनाब पर स्थित हेड खानकी और हेड कादिराबाद भी अगले 24 घंटों के भीतर खतरनाक स्तर को पार कर सकते हैं। अधिकारियों को डर है कि रावी नदी से व्यापक नुकसान हो सकता है। लाहौर और कसूर सहित कई जिलों में आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो गई है।

कसूर में 72 गांव और 45,000 निवासी प्रभावित हुए हैं। पाकपट्टन, वेहारी, बहावलनगर और बहावलपुर सहित सतलुज बेसिन में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 14,000 नागरिकों और 17,000 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पीडीएमए ने कहा कि उसने 130 नावें, 115 आउटबोर्ड मोटरें, 500 बचावकर्मी, 1,300 लाइफ जैकेट और 1,600 टेंट भी तैनात किए हैं। रेस्क्यू 1122 ने कहा कि उसने कसूर, ओकारा, पाकपट्टन, बहावलनगर और वेहारी से 28,055 लोगों को निकाला है। पीडीएमए के महानिदेशक इरफान अली काठिया ने नदी-तल और नालों, खासकर देग नाले से तत्काल जल निकासी के आदेश दिए हैं।

इस बीच राहत आयुक्त नबील जावेद ने मुर्री और गलियत में भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। पंजाब गृह विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, लाहौर, फैसलाबाद, कसूर, सियालकोट, नरोवाल और ओकारा जिलों में जिला प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती की गई है। इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल इनाम हैदर मलिक ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के 7,500 ग्लेशियरों में से लगभग 45 प्रतिशत तेजी से पिघल रहे हैं। इस वर्ष की विनाशकारी बाढ़ मुख्य रूप से हिमनदों के पिघलने के कारण आई है। उन्होंने बताया कि मौजूदा मानसून के 10 सितंबर तक रहने की उम्मीद है। यह मानसून अब तक देश भर में लगभग 800 लोगों की जान ले चुका है।

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