कोलंबो। देश के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देशबंधु तेनाकून लगभग तीन साल बाद आज जेल से रिहा कर दिए गए। तेनाकून को 9 मई, 2022 को गॉल फेस में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट निलुपुली लंकापुरा ने उन्हें सशर्त जमानत देते हुए उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

डेली मिरर अखबार की खबर के अनुसार पूर्व कार्यवाहक पुलिस महानिरीक्षक तेनाकून को डुम्बारा जेल से जूम के जरिए अदालत में पेश किया गया। अदालत ने जमानत आदेश में स्पष्ट किया कि तेनाकून इस मामले में 33वां संदिग्ध नहीं, बल्कि 37वां संदिग्ध है। 33वां संदिग्ध लियानाद मेंडिस है।

श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने 14 दिसंबर, 2023 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देशबंधु तेनाकून को यातना के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद उनकी नियुक्ति के खिलाफ दायर नौ मौलिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी करके तेनाकून को कार्यवाहक पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्य करने से रोक दिया था। याचिकाओं में देशबंधु पर ईस्टर संडे नरसंहार और मई 2022 में ‘गोटागोगामा’ विरोध स्थल पर हुई घटनाओं के संबंध में उनकी चूक के आरोप लगाए गए थे।

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