तेल अवीव। इजराइल में सुरक्षा मंत्रिमंडल की कई घंटे तक चली बैठक के दौरान देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए । सुरक्षा मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गाजा पर पूर्ण कब्जे के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी है। यह बैठक देररात खत्म हुई। शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि बैठक में गाजा पर पूर्ण कब्जे को मंजूरी दी गई।

सीएनएन चैनल के अनुसार, गाजा में हमास की कैद में रह रहे 50 बंधकों में से कुछ के परिवारों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन कर सरकार से इस योजना को वापस लेने की गुहार लगाई। बंधक और लापता परिवार मंच ने जारी विज्ञप्ति में कहा, ” गाजा पर पूर्ण कब्जे का फैसला बंधकों को बलिदान करने जैसा है। फैसला लेते समय हमारी आंखों में झांकते। यह समय सभी 50 बंधकों को वापस लाने के लिए समझौता करने का था।”

इस बीच गाजा में बचे बंधकों के परिवारों ने युद्ध को बढ़ाने की सरकार की योजना की कड़ी आलोचना की है। येहुदा कोहेन के बेटे निम्रोद अभी भी गाजा में बंदी हैं। येहुदा ने कहा, “नेतन्याहू बंधकों के खिलाफ काम कर रहे हैं। जिस इलाके में बंधकों को रखा गया है, वहां की स्थिति को खराब कर रहे हैं।” बंधक और लापता परिवार मंच से संबद्ध लियोर होरेव का कहना है कि “युद्ध को लंबा खींचने का फैसला उन लोगों के लिए मौत की सजा होगा जो जिंदा हैं। जीवित और मृत बंधकों को हमास के पंजों से छुड़ाना मुश्किल हो जाएगा।”

यरुशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने टखनों और कलाइयों में मोटी जंजीरें पहने बंधकों के कुछ परिवारों ने मांग की कि कोई भी फैसला लेने से पहले उनकी आवाज सुनी जाए। यहां मीरान-लावी भी मौजूद थीं। उनके पति ओमरी मीरान 22 महीनों से गाजा में बंधक हैं। मीरान-लावी ने कहा, जब लड़ाई बढ़ाने की योजना का खुलासा हुआ, तो मैंने देश के नेतृत्व से मिन्नतें कीं। मैं यहां यह कहने आई हूं कि हमें अंदर आने दो, हमारी आंखों में देखो और बताओ कि तुम क्या करने वाले हो? एक बार फिर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।” उधर, तेल अवीव में भी विरोध प्रदर्शन हुआ है। इजराइल के कई कस्बों और शहरों में लोगों ने नुक्कड़ सभाएं की हैं।

नेतन्याहू की गाजा में पूर्ण कब्जे की योजना से दक्षिणी इजराइल के किबुत्ज नीर ओज में एक पुनर्निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने किबुत्ज नीर ओज में कब्जा कर लिया था। किबुत्ज उन समुदायों में से एक है जो आतंकवादी हमलों से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। इस समुदाय का हर चार में से एक सदस्य या तो मारा गया या उसका अपहरण कर लिया गया। इस समुदाय के नौ लोग अभी भी गाजा में बंधक हैं। किबुत्ज के प्रतिनिधियों ने एक बयान में कहा, “कैबिनेट के इस फैसले की हमेशा निंदा की जाएगी। अब समय आ गया है कि कहा जाए-बस। ”

हमास ने गुरुवार को इजराइली सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक से पहले कहा, “नेतन्याहू की आक्रामक योजना से लगता है कि वह बंधकों को बलिदान करना चाहते हैं।” इससे पहले इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने मंगलवार शाम नेतन्याहू के साथ एक बैठक में चेतावनी दी कि गाजा पर पूर्ण नियंत्रण से सेना उस परिक्षेत्र में फंस जाएगी और शेष बंधकों को खतरा बढ़ जाएगा। यही नहीं जमीर ने गुरुवार को सेना और राजनीतिक नेतृत्व के बीच मतभेदों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version