काठमांडू। नेपाली युवकों को भारत के नौकरी का झांसा देकर ले जाने तथा उनकी किडनी निकल कर बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया किया है। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि इस संगठित और सीमा पार मानव अंग तस्करी अपराध में नेपाल के तीन व्यक्तियों की संलिप्तता थी जो कि काभ्रेपलाञ्चोक और नुवाकोट जिले के रहने वाला बताया गया है।
नेपाल पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो के अनुसार, गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में 35 वर्षीय राजकुमार परियार (जिसे कुमार के नाम से जाना जाता है), 24 वर्षीय समीर नेपाली और 47 वर्षीय राकेश नेपाली शामिल हैं। ब्यूरो के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कृष्ण प्रसाद पंगेनी ने बताया कि संदिग्धों को काठमांडू और काभ्रे से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी पंगेनी ने कहा कि आरोपी ने मई 2025 में एक पुरुष को काठमांडू के कोटेश्वर से भैरहवा में सुनौली सीमा के रास्ते चंडीगढ़ ले जाया था।
पुलिस की जांच से पता लगा है कि किडनी तस्कर गिरोह ने इस युवक को चंडीगढ़ के एक होटल में काम दिलाने और मासिक रूप से 10,000 से 20,000 रुपये वेतन मिलने का वादा करते हुए लुभाया। पीड़ित को वहाँ एक अपार्टमेंट में रखा गया था और एक अज्ञात क्लिनिक में मेडिकल चेकअप कराया गया था। “उसे लगभग एक महीने तक वहाँ रखने के बाद, तस्करों ने उस युवक को 6 लाख रुपए का लालच देते हुए किडनी निकलवाने को कहा। हालाँकि, जब पीड़ित युवक ने शुरू में अपनी किडनी दान करने से इनकार कर दिया।
एसएसपी पंगेनी ने कहा कि पीड़ित युवक को अस्पताल का बकाया खर्च का हवाला देते हुए का बकाया होने का दावा किया। पीड़ित के बयान के आधार पर एसएसपी पंगेनी ने बताया कि तस्करों ने डर और धमकी का इस्तेमाल किया और जबरन उसकी बाईं किडनी को हटा दिया। किडनी हटाने के कुछ दिनों बाद आरोपी ने इस पीड़ित को चार अन्य लोगों के साथ नेपाल वापस भेज दिया।
31 जुलाई को काठमांडू लौटने के बाद, पीड़ित ने ब्यूरो को अपनी परेशानी का खुलासा किया और शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी पंगेनी ने कहा कि शिकायत के बाद, ब्यूरो ने एक विशेष अभियान चलाया और आज ही न्यू बसपार्क, मित्रनगर से समीर नेपाली को गिरफ्तार किया। टोखा से राकेश नेपाली को और काभ्रे से राजकुमार परियार को गिरफ्तार किया।
प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि आरोपी लंबे समय से नेपाल और भारत के बीच नियोजित, अवैध किडनी की तस्करी में लगा हुआ है।उन्होंने लगभग 50 से 60 पीड़ितों की किडनी की तस्करी भारत में की है। गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों को आगे की जांच के लिए काठमांडू जिला न्यायालय द्वारा सात दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है।