पूर्वी सिंहभूम। रक्षाबंधन का पर्व जहां बहन और भाई के स्नेह का प्रतीक है, वहीं जमशेदपुर प्रखंड के कालियाबेड़ा और बाहर दाढ़ी गांव में इसे शनिवार को एक अलग ही अंदाज में मनाया गया। यहां मेराकी संस्था और ग्रामीण महिलाओं ने पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें बचाने का संकल्प लिया। यह पहल पर्यावरण संरक्षण को रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व से जोड़ते हुए लोगों को प्रकृति के महत्व का संदेश देती है।

रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मेराकी संस्था की सचिव रीता पात्रों ने कहा, “जंगल बचेगा तो हम बचेंगे, इसलिए हमने पेड़ों पर राखी बांधकर यह वादा किया कि हम इनकी सुरक्षा करेंगे। पर्यावरण हरा-भरा रहेगा तो आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ हवा और सुंदर प्रकृति मिलेगी।

जिला परिषद सदस्य कुसुम पूर्ति और स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस मुहिम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हर हाल में जंगलों को बचाना और पेड़ लगाकर उनकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

वन रक्षा समिति अध्यक्ष जनता सरदार, सचिव निवास सरदार, मिठू भूमिज, राजा राम सिंह सरदार, देवी सरदार, मानसिंह सरदार और फॉरेस्टर मेघराय सहित कई ग्रामीण इस मौके पर मौजूद रहे।

पर्यावरणविदों का मानना है कि इस तरह के आयोजन लोगों में प्रकृति के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाते हैं और उन्हें पेड़ों की कटाई रोकने व वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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