पूर्वी सिंहभूम। शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों की 28 छात्राओं का दल तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पूर्ण कर सकुशल लौट आया। गुरुवार को समाहरणालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने अपनी अविस्मरणीय यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस भ्रमण ने उनके ज्ञान, दृष्टिकोण और प्रेरणा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। छात्राओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी का आभार व्यक्त किया ।
छात्राओं के भ्रमण का पहला दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित रहा, जिसमें छात्राओं ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (ए्सडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा का अवलोकन किया। साथ ही आरएम के ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त की।
दूसरे दिन दल ने देश की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों से परिचय प्राप्त किया। स्टेट म्यूजियम और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने संरक्षित महाबलीपुरम के महत्त्वपूर्ण स्थलों महाबलीपुरम किला, म्यूजियम, मंदिर एवं टाइगर केव का अवलोकन किया। साथ ही चेन्नई स्थित मॉडल स्कूल, कोवालम का भ्रमण किया, जहां शिक्षण पद्धतियों एवं संसाधनों को देखा।
भ्रमण के तीसरे दिन छात्राओं ने एमए चिदम्बरम स्टेडियम का भ्रमण कर खेल जगत की झलक देखी और रेलवे म्यूजियम में भारत के रेल इतिहास और विकास यात्रा को करीब से समझा।
साइंस ओलंपियाड के माध्यम से चयनित इन छात्राओं के लिए यह यात्रा एक अनूठा अनुभव साबित हुआ, जिसमें विज्ञान, संस्कृति और शिक्षा का समन्वय देखने को मिला। छात्राओं ने कहा कि इस यात्रा ने उनके भीतर नए सपनों और लक्ष्यों को जन्म दिया है। छात्राओं ने एक सुर में कहा कि हम अब खुद को बड़े मंच पर देखने का सपना देख रही हैं। इस यात्रा ने हमें यह विश्वास दिलाया कि कठिन मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों को कक्षा की सीमाओं से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया को समझने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी सोच का दायरा और दृष्टिकोण व्यापक होता है। ऐसे अवसर न केवल सीखने की ललक को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, जिज्ञासा और लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक दृढ़ संकल्प भी पैदा करते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस अनुभव से प्रेरित होकर ये छात्राएं आने वाले समय में विज्ञान, तकनीक, शोध, खेल या किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले, राज्य और देश का नाम रोशन करेंगी।