पूर्वी सिंहभूम। शहर में मैथिल संस्कृति की सुगंध बिखेरते हुए सखीबहिनपा मैथिलानी समूह की ओर से मधु मास श्रावनोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। साकची स्थित केनेलाईट होटल के प्रेक्षागृह में आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में 150 से अधिक महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में भाग लिया और अपनी लोक संस्कृति को जीवंत करते हुए सावन माह के रंग बिखेर दिए।
शनिवार को आयोजित मधु मा09स श्रावनोत्सव में मैथिल परंपरा के अनुरूप गीत, नृत्य और पारंपरिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। सखीबहिनपा समूह की मुख्य संस्थापिका और अध्यक्ष आरती झा हैं, जो नेपाल के बीरगंज में निवास करती हैं, जबकि कार्यक्रम की सक्रिय संचालनकर्ता अन्नपूर्णा झा ने पूरे आयोजन का कुशल संचालन किया।
कार्यक्रम की संयोजिका श्रीलता पाठक थीं, जिनके नेतृत्व में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई और उसे बखूबी अमल में लाया गया। इस आयोजन में कुमकुम झा, रीना चौधरी, संगीता झा, कविश्री झा, कनक लता चौधरी, आभा मिश्रा, ममता झा, अंजिता झा और पुनम झा सहित कई महिलाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
संचालिका अन्नपूर्णा झा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य मैथिल समुदाय की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि हमारी भाषा, संस्कृति और परंपराएं हमारी पहचान हैं। यह कार्यक्रम इन्हीं मूल्यों को संजोए रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम है।
कार्यक्रम में पारंपरिक लोकगीत, झिझिया नृत्य, सावन गीत, बच्चों की रंगारंग प्रस्तुतियां और हास्य कविता पाठ जैसे कई रंग बिखेरे गए। उत्सव में बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिससे आयोजन और भी जीवंत हो गया।
समारोह में उपस्थित सखियों ने पारंपरिक हरे रंग की साड़ियों, सोलह श्रृंगार और लोक वेशभूषा में सजकर श्रावण मास का स्वागत किया। आयोजकों की ओर से सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र भी भेंट किए गए।
मधु मास श्रावनोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मैथिल महिलाओं के आत्मबल, सांस्कृतिक गौरव और एकजुटता की जीवंत मिसाल बना। इस प्रकार के आयोजन सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।