हैदराबाद: तीन तलाक के मसले पर देश में बहस चल रही है। कई मुस्लिम महिलाएं इसे खत्म करने की मांग कर रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यों की एक बेंच बनाई है।
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ 11 मई से हर रोज मामले पर सुनवाई करेगी। इस बीच हैदराबाद में एक महिला को विज्ञापन छपवाकर तलाक दे दिया गया। हैदराबाद का मुश्ताकउद्दीन सऊदी अरब के रियाद में एक बैंक में नौकरी करता है। उसने अपनी बीवी को तलाक देने का नया तरीका खोज निकाला। 4 मार्च को एक उर्दू अखबार में विज्ञापन छपवाया,जिसमें लिखा था कि वो अपनी बीवी को तलाक दे रहा है। मुश्ताकउद्दीन की शादी साल 2015 में हुई थी। उसके 10 महीने की एक लड़की भी है।
मुश्ताकउद्दीन रियाद के अल अव्वल बैंक में काम करता है। शादी के 6 महीने के बाद अपनी बीवी को भी साथ ले गया था। जोड़ा 2 फरवरी 2016 को हैदराबाद लौट आया। मुश्ताकउद्दीन की बीवी का कहना है कि मेरी बच्ची बीमार थी तो मैं इलाज के लिए उसे अपने अब्बू के घर ले आई। तब शौहर ही छोड़कर गया था। मुझे नहीं पता कि मेरे शौहर के मन में क्या चल रहा है। न ही उन्होंने मुझे किसी बात का एहसास होने दिया। वो मुझे बिना बताए वापस रियाद चले गए।
जब मुश्ताकउद्दीन की बीवी ने उससे बात करनी चाही तो बात नहीं हो सकी। ससुराल वालों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वो रियाद जा चुका है। पीडि़ता का कहना है,मैंने उसका नंबर ससुराल वालों से मांगा तो उन्होंने कहा,हमारे पास नंबर नहीं है। न ही उसके किसी दोस्त का नंबर दिया। उसके घर वाले भी मुझे तलाक दिलाने की साजिश में मिले हुए हैं। मुश्ताकउद्दीन की बीवी ने कहा,जब उर्दू अखबार में मैंने तलाक का विज्ञापन देखा तो मैं दंग रह गई।
ये तो शरीयत का मजाक उड़ाया गया है। अगर उन्हें तलाक देना ही था तो सबके सामने देते। मेरे घर वालों के सामने कहते। उसने शरीयत का गलत फायदा उठाया है। गौरतलब है कि यूपी के सिद्धार्थनगर में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था जब सऊदी अरब में रह रहे पति ने व्हाट्सऐप पर संदेश भेजा और बीवी वो मैसेज पढ़कर हैरान रह गई क्योंकि उसके शौहर ने तलाक दे दिया था। हालांकि इस मामले में मौलवियों का कहना है कि व्हाट्सऐप पर तलाक नहीं दिया जा सकता।