राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सौ-सौ रुपये के नकली नोट छापकर उसे बाजार में खपाने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कुल 50 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। ये लोग इससे पहले 65 हजार रुपये के नकली नोट अंबागढ़ चौकी और डोंगरगांव के बाजार में खपा चुके हैं। पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने अपने कार्यालय में रविवार शाम पत्रकारों को बताया कि नकली नोट छापने वाले का नाम राजेंद्र टंडन है। वह टेकाहरदी गांव का रहने वाला है। बाजार में नोट खपाने में उसने अपने रिश्तेदार विक्रम की मदद ली।
उन्होंने बताया कि यह मामला अंबागढ़ चौकी के बांधा बाजार स्थित देना बैंक की शाखा से प्रकाश में आया। जब ग्राम हांडीटोला निवासी अनार सिंह सिन्हा 11 हजार 300 रुपये (सौ-सौ के नकली नोट) लेकर अपने पुत्र के खाते में जमा कराने पहुंचा। बैंक के कैशियर गगन को इन नोटों के नकली होने का शक हुआ, तो उन्होंने शाखा प्रबंधन को इसकी सूचना दी।
शाखा प्रबंधक ने दो सितंबर को इसकी लिखित शिकायत अंबागढ़ चौकी थाने में की। नकली नोट की शिकायत पर प्रशिक्षु डीएसपी अनिल विश्वकर्मा और चिल्हाटी पुलिस चौकी प्रभारी आर.एन. पांडे व उनकी टीम ने हांडीटोला पहुंचकर अनार सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
उसके पास से दस हजार रुपये (सौ-सौ) के नकली नोट बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि ग्राम पेंदल कुही निवासी धर्मेद्र और उसके पिता नोहर से उसे नकली नोट मिले थे। पुलिस ने अनार सिंह की निशानदेही पर ग्राम पेंदल कुही से नोहर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि धर्मेद्र फरार हो गया।
नोहर ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे धर्मेद्र को ग्राम कुबराडीह के विक्रम से नकली नोट मिले थे और दोनों ने मिलकर 65 हजार रुपये बाजार में खपाए हैं।
नोहर ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले ही विक्रम ने उसे 40 हजार रुपये दिए थे, जिसमें से 35 हजार रुपये उन्होंने अनार सिंह को दिए थे और पांच हजार रुपये उसके पास है, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने कुबरडीह में छापा मारकर विक्रम को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक हजार रुपये के सौ-सौ के नकली नोट बरामद हुए।
विक्रम ने पुलिस को बताया कि नकली नोट उसे उसके साढ़ू रेंगाकठेरा निवासी अगमदास चतुर्वेदी से मिलते थे। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया और उसके घर में अलमारी से 17 सौ रुपये के नकली नोट मिले। अगमदास ने बताया कि उसे नकली नोट उसके जीजा पेटेश्री निवासी गणेश से मिलते थे, जिसे वह बाजार में खपाता था। पुलिस ने गणेश को भी गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से एक पेटी में रखे दस हजार के नकली नोट जब्त किए।
पुलिस को गणेश से पता चला कि राजेंद्र टंडन नकली नोट छापकर उसे देता था। राजेंद्र पेशे से बिजली मिस्त्री है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया और उसके घर से एक एचपी कलर प्रिंटर, कैंची, रबर के पैकेट और 11 हजार रुपये के नकली नोट (सभी सौ-सौ रुपये के) बरामद किए। इन 6 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने भादंवि की धारा 489 ए, बी, सी, डी के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।