रांची: झारखंड की रघुवर सरकार की चार योजनाएं केंद्र सरकार को भा गयी हैं। केंद्र इन चार योजनाओं की प्रशंसा कर रहा है। केंद्र की पहल पर भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री इन योजनाओं को अपने यहां लागू करना चाहते हैं। इनमें उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और असम सहित कई राज्य शामिल हैं। इन राज्यों ने झारखंड से इन योजनाओं का पूरा प्रारूप मांगा है।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में कारगर पहल : दरअसल झारखंड में महिलाओं के नाम पर पचास लाख रुपये तक की संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने पर शुल्क के रूप में मात्र एक रुपया जमा करना है। रघुवर सरकार की इस पहल को महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। केंद्र को यह योजना काफी पसंद आयी और उसने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने यहां इसे लागू करने को कहा है। संपत्ति में महिलाओं का अधिकार बढ़ने से वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी। झारखंड में यह योजना तीन माह पहले ही लागू हुई है और इसकी हर ओर सराहना हो रही है।

मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र को मिल चुका है अवार्ड : झारखंड की मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र योजना को पहले ही राष्ट्र स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका है। इसे अवार्ड भी मिला है। झारखंड में यह काफी सफल है। यहां इसकी सफलता का प्रतिशत 70 फीसदी से ज्यादा है। मुख्यमंत्री स्वयं इसमें समस्याएं सुनते हैं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अधिकारियों से बात कर समाधान करते हैं। इतना ही नहीं प्रति सप्ताह इसमें दर्ज शिकायतों की समीक्षा के लिए अधिकारी भी प्रतिनियुक्त हैं।

योजना बनाओ अभियान को मिली पूरे देश में सराहना
झारखंड के योजना बनाओ अभियान को पूरे देश में सराहना मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इसकी खुले दिल से प्रशंसा कर चुके हैं और दूसरो को भी इसे अपनाने की बात कहते रहे हैं। इस योजना के लागू होने के बाद अब झारखंड में एसी कमरों में नहीं, बल्कि योजनाएं ग्रामीणों के बीच उनके गांव में बैठकर बनती हैं। इनमें मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्य के आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। तात्पर्य यह कि अब ग्रामीण ही अपनी विकास योजनाएं बना रहे हैं और सरकार उन्हें लागू भी कर रही है।

तीर्थ दर्शन योजना बनी गरीब बुजुर्गों का सहारा : पिछले साल शुरू हुई मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना उन गरीब बुजुर्गों का सहारा बनी है, जो चाहकर भी महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का भ्रमण नहीं कर पाते थे। इस योजना के तहत अब तक तीन यात्राएं हो चुकी हैं। इसकी शुरुआत रांची-पुरी यात्रा से हुई थी। प्रत्येक ट्रिप में 300 से 400 बुजुर्ग दंपत्ति को यात्रा में भेजा जाता है। मुख्यमंत्री की इस योजना को भी काफी सराहना मिली है।

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