Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, May 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राजनीति»‘सौभाग्य’ के उजाले से रोशन होगा बीजेपी का 2019 का भविष्य?
    राजनीति

    ‘सौभाग्य’ के उजाले से रोशन होगा बीजेपी का 2019 का भविष्य?

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीSeptember 28, 2017No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव का मशहूर डायलॉग शायद आप भूले नहीं होगें कि पैसा खुदा तो नही पर खुदा से कम भी नही. पैसा अगर जिंदगी की लाइफलाइन है तो अर्थव्यवस्था देश की धड़कन. पर नोटबंदी, जीएसटी के साईड इफेक्ट और बैंकों के बढते कर्ज ने देश की धड़कन को सुस्त कर दिया है.

    मंदी की आहट की आशंका से लोगों का मोदी के नायकत्व में भरोसा डगमगाने लगा है. यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि उज्ज्वलाऔर सौभाग्य योजना में लोगों के सौभाग्य के साथ 2019 में बीजेपी के भी सौभाग्य बदलने की क्षमता है पर अर्थव्यवस्था की लुढ़कती हालत से चिंतित सरकार 2019 के चुनावी कैपैंन की कहानी बदलने में जुट गई है.

    मोदी के गेंमचेंजर की छवि दरकने से क्या चिंता में है सरकार ?

    सर्जिकल स्ट्राइक, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, डोकलाम, विदेशी दौरे और लगातार राज्यों में जीत से मोदी के निर्णायक देशनिर्माण में लगे कुशल प्रशासक की 3 साल में बनी छवि पर अर्थव्यवस्था की पतली होती हालत ने सवालिया निशान लगा दिया है.

    विकास की दर गोते खा रही है. आर्थिक सुपरपावर बनने के सारे इंडिकेटर औंधे मुंह गिरे पड़े है. निर्यात लुढ़का पड़ा है. निर्माण क्षेत्र का बुरा हाल है. बैंकों के एनपीए बढ़ रहे है. रोजगार सृजन की जगह नौकरियां जा रही है. मंझोले और लघु उद्योग धंधों का नोटबंदी के बाद बुरा हाल है. राजनीति इमेज,आख्यान और मुखौटों से चलती है. अगर प्रतिमा ढह गई तो इमारत ढहने में वक्त नहीं लगता .

    प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात में मोदी ने अपनी छवि भष्ट्राचार मुक्त प्रशासक और आर्थिक कायापलट करने वाले राजनेता की बनाई थी. दिल्ली पहुंचने में मोदी के गुजरात मॉडल का बड़ा योगदान था.

    मोदी की छवि एक ऐसे सीईओ की बनी थी जिनका राज्य लगातार राष्ट्रीय विकास दर से ज्यादा औसतन 10 फीसदी का विकास देता रहा है. ऐसी इमेज कि देश की आर्थिक कायापलट केवल पीएम मोदी के हाथों ही संभव है पर उस गेंमचेंजर की इमेज के दरकने की शुरुआत से पार्टी और सरकार के हाथ पांव फूले है.

    पिछले दो महीने में सरकार और प्रधानमंत्री की छवि पर नब्ज रखनेवाली एजेंसियों के तीन सर्वे में यह साफ तौर पर दिखा है कि मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता में कमी नहीं आई है. लेकिन लोगों का भरोसा डगमगाया है और आर्थिक मोर्चे पर लोग उन्हें नाकाम तक मानने लगे हैं .

    सरकार की चिंता इस बात से साफ झलकती है कि जिस प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद को मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही सबसे पहले भंग किया था उसे 40 महीने बाद दोबारा बहाल करना पड़ा. मोदी सरकार के कामकाज पर नजर रखने वाले एक विशेषज्ञ के मुताबिक आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन प्रधानमंत्री की छटपटाहट और वित्त मंत्रालय के कामकाज पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी के तौर पर देखा जा सकता है.

    बीजेपी के चुनावी नैरेटिव बदलने की शुरुआत, युवा की जगह गृहिणी

    यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के कई कारणों में से एक उज्ज्वला उदय स्कीम की सफलता भी थी. गरीबों को फ्री गैस कनेक्शन देने वाली प्रधानमंत्री उज्ज्वला स्कीम के 60 फीसदी आवंटी केवल यूपी में थे.

    उज्ज्वला की सफलता के बाद फ्री बिजली कनेक्शन पहुंचाने की सौभाग्य योजना उसी महिला वोटबैंक पर पकड़ मजबूत करने के सिलसिले की अगली कड़ी है. जिन 4 लाख गरीब परिवारों के घर रोशन किए जाने है उनमें ज्यादातर यूपी और बिहार के है. जहां लोकसभा की 120 सीटें है और जिन्हें जीतना बीजेपी के लिए सत्ता में बने रहने के लिए बेहद जरूरी है .

    बीजेपी ने बड़े सलीके से अपने चुनावी नैरेटिव में बदलाव किया है. युवा वोटबैंक की जगह महिला वोटबैंक ने ली है. साल 2014 का चुनाव हिलोरे मारते युवा आकांक्षाओं के स्वप्नों का चुनाव था तो 2019 का चुनाव महिला, गरीब, किसान के घर को रोशन करने का चुनाव होगा.

    रोजगार सृजन में असफलता के कारण युवा वोट बैंक बीजेपी की रणनीति में अब उतना भरोसेमंद वोटबैंक नही रहा है या कम से कम युवा वोटबैंक की नाराजगी का सामना करने के लिए सरकार ने महिला वोटबैंक पर निर्भरता बढ़ाई है. प्रधानमंत्री के फ्लैगशिप कार्यक्रम स्किल डेवपलमेंट मिशन से सेंटर तो खुल गए पर रोजगार नहीं मिले. इसलिए रोजगार के संकट के बड़े मुद्दे बनने की आशंका और लुढ़कती अर्थव्यवस्था में भी नए भारत का नारा बुलंदी छूता रहे इसके लिए कथानक में बदलाव किया गया.

    तो क्या ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास नायक विहीन हो चुका है ?

    यह कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि न तो उसके पास मोदी से बेहतर विकल्प है और न ही उसके भरोसे की डोर पूरी तरह टूटी है. भरोसा डगमगाया जरूर है लेकिन अभी टूटा नहीं है. नौकरियां जा रही हैं. नई नौकरी मिल नही रहीं. ईएमआई का बोझ बढ़ रहा है. बड़ी कंपनियों का मुनाफा कम हो रहे है.

    घाटे में चलने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन कहते है मध्यम वर्ग का वोट सबसे सुरक्षित वोट बैंक है. जो सेंसेक्स की तरह सेंटिंमेंट से चलता है. उम्मीद की डोर इतनी जल्दी छूटती नहीं और जिस उम्मीद की डोर थामने के लिए मोदी के पास अभी भी वक्त है. बीजेपी के रणनीतिकार समझते है कि जिस युवा और मध्यम वर्ग ने 2014 में मोदी को प्रचंड जनादेश तक पहुंचाया था उसकी उदासीनता या नाराजगी 2019 के चुनावी नतीजों में बड़ा उलटफेर कर सकता है.

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleश्रीमती सोनिया गांधी ने अपनी सोची-समझी राजनीति:महिला आरक्षण
    Next Article हनीप्रीत को हरियाणा पुलिस ने दी चेतावनी
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    महान स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं जनचेतना के अग्रदूत भी थे चानकु महतो- राज्यपाल

    May 15, 2025

    दरभंगा पहुंचे राहुल गांधी, आंबेडकर छात्रावास जाने पर अड़े

    May 15, 2025

    केंद्र से अब झारखंड की एक-एक पाई के लिए आंदोलन करना होगा : सुप्रियो

    May 14, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • भुज एयरबेस पर रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने भरी हुंकार, बोले- जितनी देर में लोग नाश्ता करते हैं, उतने में आपने दुश्मनों को निपटा दिया
    • भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने नाकाम की तस्करी की कोशिश
    • व्यापारियों ने तर्किये के सेबों का बहिष्कार करके देश भक्ति का परिचय दिया : मुख्यमंत्री
    • जिस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं वहां 174 मुस्लिम महिलाओं को मिल रहा मंईयां सम्मान का लाभ : चंपाई सोरेन
    • मंईयां योजना के लाभुकों को एक साथ मिलेगी दो माह की राशि
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version