रांची। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को भारत बंद बुलाया। इस दरम्यान बिरसा मुंडा बस स्टैंड से दिन में बसें नहीं खुलीं, दिनभर बसों के पहिये थमे रहे। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई पेट्रोल पंप खुले रहे, वहीं शहर के भीतर सड़कों पर आवागमन सामान्य रहा। अल्बर्ट एक्का चौक समेत विभिन्न चौक-चौराहों पर बंद समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया। रांची पुलिस शहर के चप्पे-चप्पे पर तैनात दिखी। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी निगेहबानी की गयी।
कंट्रोल रूम से पल-पल की हो रही थी मॉनिटरिंग
गड़बड़ी से निबटने के लिए तीसरी आंख का सहारा लिया गया। शहर में लगे 170 सीसीटीवी के जरिये बंद पर नजर रखी गयी। डीएसपी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 170 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। हर गली, हर जगह को चेक किया जा रहा है।
कांग्रेस और विपक्षी दलों का बंद विफल : भाजपा
रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य की जनता ने विपक्ष के भारत बंद को विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष के नेता ने इस पूरे मौके को सिर्फ फोटो आॅपर्चुनिटी के रूप में यूज किया। जितना विपक्षी दल के नेताओं ने अपने कपड़ों की ड्राइ क्लीनिंग पर खर्च किया था, उतना अगर गरीबों में बांट देते, तो ज्यादा पुण्य होता। शाहदेव ने कहा कि इस बंद का सीधा असर यह रहा कि पूरे राज्य में लगभग पांच लाख दिहाड़ी मजदूर काम से वंचित रह गये। सिर्फ रांची में यह संख्या 60 हजार से भी ज्यादा है। आरोप लगाया कि राज्य में अनेक जगहों से बंद समर्थकों द्वारा नागरिकों के साथ मारपीट और गाड़ियों के शीशे तोड़ने की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कहा था कि बंद शांतिपूर्वक होगा, लेकिन जिस तरीके से कई स्थानों पर विपक्षी कार्यकर्ताओंं ने उत्पात मचाया, उससे इस दावे की पोल खुल गयी। कहा कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी अपने कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करने की जगह दिल्ली में जाकर धरना पर बैठ गये।
गरीब कल्याण की योजनाओं के लिए कर संग्रह : प्रतुल शाहदेव
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए जो योजनाएं चला कर रखी हैं, उनके लिए कर संग्रह आवश्यक है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि इन गरीबों का भला हो। कहा कि कांग्रेस का यह आरोप कि महंगाई बढ़ी है, बिल्कुल निराधार है। उनके शासनकाल में थोक मंडी में लहसुन 50 से 70 रुपये प्रति किलो था, जो अब वह घटकर थोक में 15 से 25 रुपये किलो हो गया है। आलू 18 से 22 रुपये था, जो अब थोक में 11-12 रुपये है। कांग्रेस के समय प्याज की कीमत 70 से ऊपर चली गयी थी, जो अब थोक में 12 रुपये प्रति किलो है।
पेट्रोल-डीजल और गैस की आंच में भष्म हो जायेगी भाजपा : सुबोधकांत
बंद को सफल बनाने के लिए