खलारी। राजधानी रांची के निकट खलारी की बुकबुका पंचायत अंतर्गत राजकीयकृत मध्य विद्यालय बुकबुका के एक शिक्षक द्वारा बच्चियों के साथ छेड़छाड़ किये जाने का मामला सामने आया है। जानकारी मिलने के बाद बुधवार को अभिभावकों ने विद्यालय में जाकर हंगामा किया। इस दौरान आरोपित शिक्षक विद्यालय में नहीं था। स्कूल के स्टाफ ने बताया कि वह एक दिन पहले से ही स्कूल नहीं आ रहा है। इधर, जानकारी होने पर बीइइओ के निर्देश पर बीपीओ सरवरीनाथ चौरसिया ने स्कूल जाकर जांच की और अभिभावकों से बात की।
बच्चियों को दी थी धमकी : विद्यालय का एक शिक्षक विगत कुछ माह से छोटी-छोटी बच्चियों के साथ छेड़खानी कर रहा था। बच्चियां डर से ये बात किसी को नहीं बता रही थीं। क्योंकि, आरोपित शिक्षक ने उन्हें धमकाया था कि अगर किसी को जानकारी दी तो पीटेंगे। हालांकि, एक-दो बच्चियों ने अपनी मां से कुछ दिन पूर्व कहा था कि वे स्कूल नहीं जायेंगी। पर पूरी बात नहीं बतायी।
25 सितंबर की सुबह एक बच्ची ने अपनी मां को यह जानकारी दी। इसके बाद मंगलवार को मां सीधे स्कूल पहुंची और टीचर के नहीं मिलने पर इसकी शिकायत विद्यालय के प्रधानाध्यापक दया प्रसाद से की। प्राचार्य ने बाद में इसकी जानकारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रामनाथ राम को दी। बुधवार को कई अभिभावक एवं महिलाएं स्कूल पहुंची थीं। तब और भी कई बच्चियां सामने आयीं और बताया कि उनके साथ भी ऐसी घटना हुई है। इसके बाद अभिभावक उग्र हो गये और आरोपी शिक्षक को मारने के लिए खोजने लगे। वे दूसरे शिक्षकों के प्रति भी आक्रोशित थे।
कुछ लोगों ने शिक्षकों के साथ गाली-गलौज भी की। उनका कहना था कि अगर शिक्षक इस पर ध्यान देते, तो यह घटना नहीं होती। बाद में प्रमुख सोनी तिग्गा, बुकबुका के मुखिया सोमरी राम, पंचायत समिति सदस्य मुन्ना देवी सहित अन्य प्रतिनिधि पहुंचे और मामले की जानकारी ली। सभी ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि उन्हें न्याय मिलेगा और आरोपित शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके बाद अभिभावक माने।
बीपीओ ने की जांच: स्कूल पहुंचे बीपीओ सरवरी नाथ चौरसिया ने मामले की जांच की। उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों एवं पीड़ित बच्चियों से पूछताछ की। इस दौरान शिक्षक संघ के सदस्य भी स्कूल पहुंचे थे। बताया जाता है कि बीपीओ अपनी रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी को देंगे।
बच्चियों ने एक सप्ताह पूर्व एक शिक्षक को दी थी जानकारी: हंगामे के दौरान बच्चियों ने जानकारी दी कि उन्होंने मामले की जानकारी स्कूल के ही एक अन्य शिक्षक को दी थी। पर उन्होंने कुछ नहीं किया। हालांकि, उन्होंने बात आगे बताने का आश्वासन स्कूल की बच्चियों को दिया था।