कैनबरा। ऑस्ट्रलिया के स्कूल में एक नौ साल की बच्ची राष्ट्रगान के दौरान खड़ी नहीं हुई तो कुछ राजनेताओं ने उस पर हमला कर दिया। नेताओं ने बच्ची को स्कूल से निकाले जाने की भी मांग की। क्वींसलैंड में रहने वाली हार्पर नीलसन का कहना है कि वह राष्ट्रगान के दौरान इसलिए खड़ी नहीं हुई क्योंकि उसमें देश के मूल निवासियों का अपमान हो रहा था।
हार्पर के मुताबिक : एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर टाइटल वाले राष्ट्रगान में कहा जाता है कि सभी ऑस्ट्रेलियाई खुशी मनाएं क्योंकि हम जवान और आजाद हैं। एडवांस का मतलब तो श्वेत लोगों से है।
50 हजार साल पहले के लोगों का जिक्र नहीं : हार्पर नीलसन ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “जब ये कहा जाता है कि हम जवान हैं तो हम उन मूल निवासियों को भुला देते हैं जो 50 हजार साल पहले देश में रहते थे।” ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी कुल आबादी का महज 2% हैं। दक्षिणपंथी सीनेटर पॉलीन हेन्सन कहती हैं, “ऑस्ट्रेलिया के स्कूल बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं। हार्पर नीलसन को स्कूल से बाहर कर देना चाहिए। बच्ची गलत रास्ते पर है और इस सोच के लिए माता-पिता दोषी हैं। राष्ट्रगान में देश की बात है और हम सब इसका हिस्सा हैं।”
राष्ट्रगान का सम्मान जरूरी : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबट ने कहा- सभी को नियम का पालन करना चाहिए। राष्ट्रगान देश से जुड़ा हुआ है, लिहाजा सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। क्वींसलैंड के लिबरल नेता जैरड ब्लीजी ने कहा- बच्ची के माता-पिता को शर्म आनी चाहिए जो उसे बातें सिखाते हैं। वहीं हार्पर के पिता ने अपनी बेटी को बहादुर बताया। क्वींसलैंड के शिक्षा विभाग ने कहा कि स्कूल ने यह नहीं बताया कि राष्ट्रगान में खड़े न होने पर बच्ची को निकाला जाएगा या सस्पेंड किया जाएगा।