रांची। रांची के खेलगांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को झारखंड सरकार, एसआइडीएम और सीआइआइ के नेतृत्व ‘इस्ट टेक्सट्रॉनियम 2025’ एक्सपो का तीन दिवसीय शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सीडीएस अनिल चौहान, राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ ने एक्सपो का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्य रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के रक्षा मंत्री संजय सेठ सहित कई गणमान्य अतिथियों ने एक्सपो का अवलोकन किया। एक्सपो में कई रक्षा उपकरण आकर्षण के केंद्र बने रहे। कामिकाजे ड्रोन, 360 आर्टिलरी, एग्रीकल्चर ड्रोन जैसे उपकरण प्रदर्शित किये गये। इन्हें देखकर फौज के जवानों और अधिकारियों की विशेष रुचि देखने को मिली। महिंद्रा का डिफेंस व्हीकल, टैंक और बीडी स्कॉर्पियन ने लोगों का ध्यान खींचा। 8-10 किलो तक भार उठाने वाले ड्रोन भी आकर्षण का बड़ा केंद्र बने।

डीआरडीओ ने बुलेट प्रूफ जैकेट, बूट एंटी माइन इंफैंट्री, एंटी पर्सनल माइन ब्लास्ट प्रोटेक्शन सूट, न्यूक्लियर शील्डिंग पैड जैसे कई उत्पाद प्रदर्शित किये। वहीं अडानी कंपनी ने विभिन्न प्रकार के बड़े ड्रोन, कोट्स, असॉल्ट राइफल और स्नाइपर प्रस्तुत किये।
प्रदर्शनी में 170 से अधिक कंपनियों के उत्पाद और समाधान प्रदर्शित किये जा रहे हैं। 400 से अधिक प्रतिनिधि और रक्षा अधिकारी इसमें शामिल हुए। बी2जी मीटिंग्स के जरिए सेना और उद्योग के बीच सीधा संवाद भी आयोजित किया जायेगा। इस एक्सपो में अडानी डिफेंस, महिंद्रा, समृद्धि, डीआरडीओ के अलावा कई अन्य कंपनियों ने भी हिस्सा लिया।

इनमें हॅरिस कम्युनिकेशन सिस्टम्स इंडिया प्रा लि, एलएंडटी प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स, एमकेयू लि., एजेएक्स इंजीनियरिंग लि., एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लि., गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स, न्यूमॉरा इनोवेशंस, स्पीडर डिफेंस सिस्टम्स, फ्रंटियर प्रोटेक्टिववियर, अल्मेट्रो डिफेंस एंड एयरोस्पेस, रोहाल टेक्नोलॉजीज, एब्स्ट्रॉम, एयरोहॉक, बोटलैंड डायनामिक्स, फ्लाइंग वीहिकल एयरोस्पेस, जीआरजी डिफेंस, रोबोटिक्स और कई अन्य शामिल थीं।

हथियारों का रणनीतिक चयन सर्वोपरि: सीडीएस
रांची। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत में रक्षा विनिर्माण का स्वदेशीकरण देर से शुरू हुआ है, लेकिन देश सही रास्ते पर है। रक्षा विनिर्माण आधार का विस्तार करने की आवश्यकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा अन्य आधुनिक तकनीकों का पता लगाना होगा। हथियारों का रणनीतिक चयन सर्वोपरि है और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) की समीक्षा की जानी चाहिए। जनरल चौहान ने कहा कि केंद्र की ‘एक्ट इस्ट’ नीति और रक्षा में आत्मनिर्भरता के उद्देश्यों को झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सक्रिय भीगीदारी से साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युद्ध विज्ञान है, युद्ध कला है और वर्तमान संदर्भ में एक योद्धा को रचनात्मक होने की आवश्यकता है।

भारत आज वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा : राज्यपाल
रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को खेलगांव स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में इस्ट टेक 2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती शक्ति, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। राज्यपाल ने कहा कि यह डिफेंस एक्स्पो आत्मनिर्भर भारत के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें देश की शक्ति, सामर्थ्य और स्वाभिमान समाहित है। पूर्वी भारत में इस प्रकार की रक्षा प्रदर्शनी का आयोजन, औद्योगिक विकास, नवाचार और रक्षा उत्पादन में सहयोग की नयी दिशाएं खोलेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और निर्यातक देश बन चुका है। भारत के रक्षा उत्पाद अब कई देशों में निर्यात किये जा रहे हैं और रक्षा निर्यात 1,27,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदृष्टि नेतृत्व और उनके मेक इन इंडिया के आह्वान ने ही यह संभव किया है। प्रधानमंत्री ने रक्षा आत्मनिर्भरता को केवल नारा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान का आधार बनाया है। उनकी नीति और मार्गदर्शन में भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा का विश्वसनीय सहयोगी बन रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि ‘आॅपरेशन सिंदूर’ जैसी आंतकवाद के विरुद्ध कार्रवाइयां भारत की रणनीतिक दक्षता और मानवीय मूल्यों का परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां केवल तकनीकी विजय नहीं, बल्कि यह प्रमाण हैं कि भारत आज वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।
राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि इस्ट टेक 2025 उद्योगों, स्टार्टअप्स और शोध संस्थानों के लिए नये अवसर खोलेगा। यह प्रदर्शनी रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक परिदृश्य में नवचेतना का संचार करेगी और युवाओं को नवाचार की दिशा में प्रेरित करेगी। राज्यपाल ने कहा कि इस्ट टेक 2025 केवल हथियारों और तकनीक का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की बदलती सोच और आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह प्रदर्शनी हमें यह संदेश देती है कि भारत अब रक्षा के क्षेत्र में किसी पर आश्रित नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी राष्ट्र है।

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