खूंटी। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के इनामी सदस्य महेंद्र मुंडा ने मंगलवार को एसपी कार्यालय में डीआईजी के समक्ष सरेंडर किया। महेंद्र मुंडा पर सरकार ने दो लाख रुपए इनाम की घोषणा कर रखी थी। महेंद्र ने सरेंडर करने के बारे में सरकार द्वारा चलाई जा रही आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर फैसला लिया। इसके खिलाफ खूंटी जिला के अलावे सरायकेला जिला के विभिन्न थानों में भी कांड दर्ज है।

भाकपा माओवादी अपने सिद्धांत से भटक गए: महेंद्र मुंडा
नक्सली महेंद्र मुंडा उर्फ रितेश मुंडा 2011 में नक्सली लावा पातर के दस्ते में शामिल हुआ था। यह महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा, जतीराय मुंडा, प्रदीप स्वांसी, लोदरो लोहरा तथा जीवन कंडुलना के साथ दस्ते में भी रहा। पूछताछ के क्रम में एरिया कमांडर महेंद्र मुंडा उर्फ रितेश मुंडा ने बताया कि भाकपा माओवादी के सिद्धांत से प्रभावित होकर वो संगठन में शामिल हुआ था। पर वर्तमान में भाकपा माओवादी अपने सिद्धांत से भटक गए हैं। उसकी गलत नीतियों से खिन्न होकर लगातार जंगलों पहाड़ों में रहने से परिवार समाज से बिल्कुल अलग हो जाने के फलस्वरूप, सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर तथा खूंटी पुलिस के सहयोग से आत्मसमर्पण किया।

इन घटनाओं में रहा था शामिल

संगठन का साथ ना देने पर की थी हत्या : साल 2014 में गम्हरिया कोचां टोली पुलिया के आगे ईट भट्‌ठा के पास संगठन का साथ नहीं देने की वजह से महेंद्र मुंडा की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में सरेंडर करने वाला महेंद्र भी शामिल था।

जेसीबी और अन्य वाहनों को विस्फोट कर जला दिया था : साल 2016 के जून में खरसावां थाना क्षेत्र हुडंगदा में विकास कार्य में लगे जेसीबी और अन्य वाहनों को विस्फोट कर जला दिया गया था। इस घटना में भी महेंद्र मुंडा की भी संलिप्ता थी। इसके अलावा दुर्योधन महतो, महाराज प्रमाणिक, कृष मुंडा, अमित मुंडा और संगठन के 10-11 सदस्य शामिल थे।

पुलिस पार्टी को विस्फोट कर उड़ाने की थी योजना : साल 2017 में फरवरी में खरसावां थाना क्षेत्र के प्रदानगाड़ा एवं कातिदिरी के बीच रिडींग से हुडंगदा जाने वाली सड़क पर कलवट के पास पुलिस पार्टी को विस्फोट कर उड़ाने के लिए महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा, दुर्योधन महतो, बोयदा पाहन, राकेश मुंडा के साथ मिलकर आईईडी लगाया था, जिसमें महेंद्र मुंडा भी शामिल थे। हालांकि पुलिस इन विस्फोटकों को बरामद कर लिया।

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