दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार रांची आ रहे हैं प्रधानमंत्री

17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के बाद जब नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत लेकर लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि उनका फोकस विकास की दौड़ में पीछे रह गये राज्यों पर होगा। एक महीने के भीतर ही अंतरराष्टÑीय योग दिवस के मुख्य समारोह के लिए उन्होंने रांची का चयन किया। वह 20 जून की रात यहां पहुंचे और 21 जून के समारोह में शामिल हुए। इस खास आयोजन के लिए रांची का चयन करने के पीछे के कारणों पर काफी कुछ कहा गया। लेकिन इस दौरान इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया गया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए झारखंड बेहद अहम प्रदेश है। अपने पहले कार्यकाल में भी उन्होंने कई बार इसे साबित भी किया।
पहले कार्यकाल में भी खास रहा झारखंड
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की बात ना भी करें, तो भी प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड की हर छोटी-बड़ी उपलब्धियों में राज्य सरकार की हौसला अफजाई की। चाहे खूंटी की अदालत में सौर ऊर्जा प्लांट के उद्घाटन का मौका हो या पलामू के मंडल डैम के शिलान्यास का, प्रधानमंत्री ने झारखंड के न्योते को कभी ठुकराया नहीं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने केंद्र सरकार की चार महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ भी झारखंड की धरती से किया। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत योजना प्रमुख है। झारखंड से शुरू होकर ये योजनाएं पूरे देश में लागू हुईं और इनके माध्यम से देश में विकास की नयी इबारत लिखी गयी।
शिलान्यास भी, उद्घाटन भी
प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से मिल जाता है कि वह किसी परियोजना का केवल शिलान्यास ही नहीं करते, बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं कि वह परियोजना तय समय पर पूरी हो जायें। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण साहेबगंज का मल्टी मॉडल पोर्ट है। अप्रैल 2017 में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था और 30 महीने से भी कम समय में इसे पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री 12 सितंबर को इसका उद्घाटन करेंगे।
यह भारत के इतिहास में एक रिकॉर्ड ही होगा कि इतनी बड़ी परियोजना का जिसने शिलान्यास किया, उसने ही इसका उद्घाटन भी किया। अब तक होता यह था कि किसी बड़ी परियोजना का शिलान्यास हो गया और उसके पूरा होते-होते बहुत समय बीत जाता था।
झारखंड क्यों है फोकस प्रदेश

आखिर झारखंड को पीएम मोदी ने अपनी प्राथमिकता सूची में इतना ऊपर क्यों रखा है। इसके कारणों का यदि परीक्षण किया जाये, तो स्पष्ट होता है कि पिछले पांच साल में झारखंड की रघुवर दास सरकार ने जिस गंभीरता से विकास योजनाओं को जमीन पर उतारा है, वैसा देश के किसी अन्य राज्य ने नहीं किया है। इतना ही नहीं, रघुवर दास सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जो पूरे देश में उदाहरण बनी हैं। मसलन उज्ज्वला योजना के तहत दूसरा सिलेंडर मुफ्त देने की योजना सबसे पहले झारखंड में ही लागू हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना भी रघुवर दास सरकार ने ही सबसे पहले लागू की। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, जिसके तहत बुजुर्गों को सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा पर भेजा जाता है, लागू करनेवाला पहला राज्य झारखंड ही था। मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री शिक्षा दर्शन योजना लागू कर रघुवर दास सरकार ने काफी प्रशंसा बटोरी।
रघुवर दास सरकार द्वारा किये जा रहे काम से प्रधानमंत्री मोदी बेहद प्रभावित हैं। उनके चर्चित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लगभग हर बार झारखंड का नाम शामिल होता है। चाहे सोहराय पेंटिंग हो या रानी मिस्त्री, जल संरक्षण अभियान हो या कौशल विकास, खेलकूद का मुद्दा हो या फिर खाद्य प्रसंस्करण का मुद्दा, झारखंड सरकार ने हर बार यह साबित किया है कि वह मोदी सरकार के विजन को हकीकत में बदलने की इच्छाशक्ति रखती है। रघुवर दास सरकार के इसी संकल्प ने झारखंड को पीएम मोदी का फोकस प्रदेश बना दिया है।
ऐतिहासिक है पीएम मोदी की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रांची यात्रा सचमुच ऐतिहासिक है। आज से 19 साल पहले जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने झारखंड समेत तीन राज्यों का गठन किया था, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि झारखंड को अपने विधानसभा भवन के लिए इतना लंबा इंतजार करना होगा। झारखंड के साथ बने दो अन्य राज्य, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड विकास की दौड़ में बहुत आगे निकल गये, जबकि झारखंड की विधानसभा और सचिवालय किराये के भवन में चलते रहे। यह रघुवर दास सरकार के दृढ़संकल्प और काम के प्रति उसके समर्पण का नतीजा ही है कि पांच साल पहले लिया गया संकल्प पूरा हो रहा है। झारखंड को अपना विधानसभा भवन मिलने जा रहा है। इस भवन के निर्माण की शुरुआत रघुवर दास के शासनकाल में ही हुई और अब इसका उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों होगा। इसलिए पीएम मोदी का दौरा ऐतिहासिक है।
पूरा झारखंड, खास कर रांची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने को आतुर है, क्योंकि खनिज संपदा से भरपूर इस प्रदेश के सवा तीन करोड़ लोगों को अपने रहनुमा का हमेशा इंतजार रहता है। झारखंड, जहां की बोली ही संगीत और चलना ही नृत्य है, इस बात का बेसब्री से इंतजार कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस यात्रा में उसे और क्या सौगात देते हैं।

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