रांची। यौन शोषण के आरोपित झाविमो विधायक प्रदीप यादव को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने प्रदीप यादव को जमानत दे दी है। अपनी ही पार्टी के महिला नेत्री के साथ यौन शोषण के आरोप में प्रदीप यादव अभी जेल में बंद हैं। जमानत मिलने के बाद अब प्रदीप यादव जेल से बाहर आयेंगे। प्रदीप यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब अदालत इस मामले में 28 सितंबर को फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। दरअसल, हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद प्रदीप यादव ने निचली अदालत में सरेंडर किया था। उनकी ही पार्टी की महिला नेत्री ने उन पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। सुनवाई के दौरान प्रदीप यादव के अधिवक्ता ललित यादव ने अदालत को बताया गया कि इस मामले में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है।
पीड़िता ने घटना के 13 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज करायी है। इससे प्रतीत होता है कि पीड़िता ने सोची समझी साजिश के तहत उन पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। उनके खिलाफ किसी प्रकार का साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला है। इस कारण उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। जबकि सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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