Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, July 5
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»चीन ​ने युद्ध के लिहाज से ​अपग्रेड किए दो एयरबेस
    Breaking News

    चीन ​ने युद्ध के लिहाज से ​अपग्रेड किए दो एयरबेस

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 6, 2020No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
     ​​​लद्दाख में भारत के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद से चीन अपनी सैन्य लॉजिस्टिक सुविधाएं ​बढ़ा रहा है।​ इसी के तहत लद्दाख के पास ​​​​​​होटन ​​एयरबेस ​और ​​तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र ​के ​​​​​​ल्हासा गोंगगर हवाई अड्डा ​को ​​​पूरी तरह अपग्रेड किया गया है​।​ होटन ​​एयरबेस पर नई हवाई पट्टियां बनाने के साथ ही लड़ाकू विमानों के नए हैंगर बनाये गए हैं और भारी मात्रा में गोला-बारूद ​इकठ्ठा करने के लिए डिपो का निर्माण किया गया है​​​।​​ ल्हासा गोंगगर हवाई अड्डा को सैन्य एयरबेस में बदलकर पहाड़ी के बीच लड़ाकू विमान छिपाने के लिए नए बंकर बनाए गए हैं, जहां एक साथ ​लगभग 36 विमान रखे जा सकते हैं। ​​होटन एयरबेस​ से एलएसी के आसपास इलाके को और​ ​ल्हासा गोंगगर हवाई अड्डा ​से भारत के पूर्वी क्षेत्र को घेरे में लेने की तैयारी हैं​​​​​।
     ​​
    ​नवीनतम उपग्रह चित्र दिखाते हैं कि पूर्वी लद्दाख में चीन के निकटतम आधार ​​होटन एयरबेस में दो न​ई हवाई ​पट्टियों के निर्माण कार्य में तेजी आ​ई है। ​इस एयरबेस को अपग्रेड करने का काम जून के अंत में शुरू​ किया गया था।​ ​होटन एयरबेस​ भारतीय इलाके काराकोरम दर्रे से 250 किमी​.​ उत्तर-पूर्व में और पैंगोंग ​झील ​के फिंगर​-​4 ​एरिया से 380 किमी​.​ दूर है।​ इस ​एयरबेस​ से पूर्वी लद्दाख में एलएसी के आसपास के इलाके को घेरे में लेने की तैयारी है, इसीलिए यहां गोला बारूद​ इकट्ठा करने के लिए कई इमारतों​ का भी निर्माण किया गया है​​​।​​ लड़ाकू विमानों की तैनाती ​करने के लिए नए हैंगर बनाये गए हैं​। ​​कुछ इमारतों को ​पीएलए रॉकेट फोर्स ​और मिसाइलों के लिए ​अपग्रेड किया गया है​। ​​इस एयरबेस ​में ​60 मीटर की चौड़ाई के साथ दोहरे उपयोग वाला 3,330 मीटर लंबा रनवे है​​।​ ​
     
    नवीनतम उपग्रह चित्र स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि दो ​नई हवाई ​पट्टियों को अपग्रेड करने का काम जून के अंत में शुरू हुआ। जुलाई के महीने में ​यहां ​​गोला​-​बारूद भंडारण ​के लिए विशाल डिपो तैयार किया गया​​।​ यहां कई अन्य इमारतों का ​निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है।​ ​उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि ​तैयार की गई नई हवाई पट्टियों में एक 4 किमी​. लम्बी और ​दूसरी ​लगभग 60 मीटर चौड़ाई ​की वर्तमान हवाई पट्टी के दक्षिण में बना​ई गई है।​ ​पुरा​नी और न​ई हवाई ​पट्टियों के बीच की दूरी ​इतनी ​है कि​ शायद इसके बीच में टर्मिनल भवन बना​ए जाने ​की योजना है​​।​ ​यहां गोला बारूद ​का ​भंडारण ​करने के लिए इमारतों को बनाये जाने का मकसद युद्ध की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि चीन का यह एयरबेस ​एलएसी के ​नजदीक है​।​ साथ ही नए हैंगर बनाए जाने का मतलब यहां लड़ाकू बमवर्षक​ विमानों और जे​-​20 विमानों की स्थायी तैनाती ​करना है।
    ​​
    इसी के साथ ही सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि ​​ल्हासा गोंगगर हवाई अड्डा अपग्रेड ​करके ​चीन ​यहां ​अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है​​।​ यहां सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) सुविधाओं का नवीनीकरण ​करने ​और तीस​री हवाई पट्टी बनाने के अलावा लड़ाकू जेट और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की स्थापना​ के इंतजाम किये गए हैं​​। ​हवाई अड्डे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए एक नई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यहां ​बनाई जा रही ​तीसरी हवाई पट्टी ​पर चीनी वायुसेना एक ही समय में चार लड़ाकू या दो ट्रांसपोर्टर्स, एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट उतार सके​गी। नवीनतम उपग्रह ​तस्वीरों से पता चलता है कि​ ​हवाई अड्डे के दक्षिण में पार्किंग एप्रन ​का भी निर्माण ​​किया जा रहा है जिसकी वजह से फिलहाल एसएएम को अस्थायी रूप से ​दूसरी जगह ​स्थानांतरित कर दिया गया है।
    हवाई अड्डे के पश्चिमी छोर पर एक बड़े नए यात्री टर्मिनल और कार्गो टर्मिनल का निर्माण शुरू ​किया गया है। ​इन ​टर्मिनलों के पूरा होने के बाद गोंगगर हवाई अड्डा लगभग 9 मिलियन यात्रियों को ​सेवायें देने में सक्षम होगा। ​साथ ही ​गोंगगर कार्गो टर्मिनल की क्षमता 80,000 टन होगी।​ इसके अलावा यहां 24 लड़ाकू जेट और 12 लड़ाकू हेलीकाप्टरों के लिए हैंगर बनाकर इनकी तैनाती की व्यवस्था ​की जा रही है। इन सुविधाओं के पूरा होने ​पर यह​ हवाई अड्डा पीएलए वायु सेना की एक रेजिमेंट से अधिक के लिए पूर्ण एयरबेस बन जाएगा। ​इस हवाई अड्डे का उपयोग सैन्य के साथ-साथ नागरिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। ​ल्हासा हवाई अड्डा ​​3,570 मीटर (11,710 फीट) की ऊंचाई पर​ होने से ​दुनिया में सबसे ऊंचा ​माना जाता ​है​​। यह 1965 में बनाया गया था​​।​ यहां दूसरा रनवे 1994 में बनाया गया था और टर्मिनल सुविधाओं को 2004 में अपग्रेड किया गया था। 27 जुलाई, 2020 को तिब्बत के ल्हासा गोंगगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नव निर्मित टी3 टर्मिनल भवन के इस्पात संरचना छत का निर्माण पूरा किया गया।
     
    हाल ही के उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन ​विवाद के बीच हवाई अड्डे की सुविधाओं का उपयोग वायुसेना के उन्नयन के लिए किया जा रहा है। ​​यह हवाई अड्डा अरुणाचल सीमा से 200 किमी​.​ और सिक्किम सीमा से 250 किमी​.​ दूर है। 27 अगस्त, 2020 ​के उपग्रह चित्र एयरबेस के पूर्वी छोर पर ​निर्माण कार्य की व्यस्त गतिविधि का संकेत देते हैं।​ ​साथ ही ल्हासा गोंगगर ​को ​दोहरे-उपयोग वाले हवाई अड्डे ​के रूप में ​अपग्रेड ​किये जाने के संकेत ​मिले​ हैं। ​तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में ल्हासा के गोंगगर हवाई अड्डे पर चीन की सेना ने अंडरग्राउंड​ बंकरों का भी निर्माण किया है। चिंता का कारण यह है कि गोंगगर हवाई अड्डा नई दिल्ली से सिर्फ 1,350 किमी दूर है। ​’​क्षेत्रीय कनेक्टिविटी​’​ को बढ़ावा देने के नाम पर बनाया गया यह एयरपोर्ट अब सैन्य एयरबेस में बदला जा रहा है।​ ​
     
    हवाई पट्टी से एक ​’​टैक्सी ट्रैक​’​ बंकर की ओर जाता है जो अंदर पहाड़ों के बीच बनाया गया है। इस बंकर में चीन की सेना के लगभग तीन स्क्वाड्रन या ​​​​लगभग 36 विमान रखे जा सकते हैं। कुछ एयरफील्ड के पास सरफेस-टू-एयर मिसाइल (एसएएम)  हेलीकॉप्टर बेस के साथ बढ़ाए जा रहे हैं। ​खुफिया सूचनाओं के मुताबिक भारत की सिक्युरिटी एस्टेब्लिशमेन्ट को​ इन बंकरों के बारे में ​जानकारी दी गई है। इसे ​देखते हुए भारत भी अपनी उत्तरी सीमाओं के साथ उन्नत लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) को अपग्रेड कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश में वालॉन्ग, मेचुका, ट्यूटिंग, पासीघाट और ज़ीरो में स्थित ये अस्थायी हवाई क्षेत्र दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बनाए गए थे और अब उन्हें नवीनीकृत किया गया है।​​
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअरुणाचल प्रदेश में 3.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया
    Next Article राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
    sonu kumar

      Related Posts

      सेना ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भद्रवाह के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में गश्त तेज की

      June 19, 2025

      प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुआ बेंगलुरु हादसा

      June 6, 2025

      हॉकी कोच प्रतिमा बरवा का निधन

      May 31, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • दिल्ली प्रीमियर लीग सीजन 2 के लिए डीडीसीए ने जारी किए खिलाड़ियों की नीलामी के नियम
      • महिला यूरो 2025: स्पेन ने पुर्तगाल को 5-0 से रौंदा, इटली ने बेल्जियम को 1-0 से हराया
      • सेब का उत्पादन बढ़ाने के लिए कश्मीर में स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित करेगी केंद्र सरकार
      • देश की प्रगति के लिए मजबूत बंदरगाह जरूरी : शांतनु ठाकुर
      • राष्ट्रपति ने किया डूरंड कप 2025 की ट्रॉफियों का अनावरण
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version